‘बाहुबली’ प्रभास पर 1800 करोड़ का दांव, क्या ‘आदिपुरुष’ पार लगा पाएगी करियर की नाव?

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एसएस राजामौली की फिल्म ‘बाहुबली’ से पहले पैन इंडिया सुपरस्टार बने तेलुगू अभिनेता प्रभास रातों-रात पूरे देश में भले ही लोकप्रिय हो गए, लेकिन फिल्म की बंपर सफलता और अपनी लोकप्रियता का दबाव वो आज तक महसूस करते हैं. शायद ये दबाव ही है कि साल 2017 में रिलीज हुई फिल्म ‘बाहुबली 2’ के बाद वो अपने ही बनाए इतिहास को दोहारा नहीं पाए हैं. ‘बाहुबली 2’ के बाद उनकी दो फिल्में साल 2019 में ‘साहो’ और 2022 में ‘राधे श्याम’ रिलीज हुई, लेकिन दोनों बॉक्स ऑफिस पर बेअसर साबित रहीं. इन दोनों फिल्मों के जरिए प्रभास पर 700 करोड़ रुपए दांव पर लगा, लेकिन मुनाफा तो छोड़िए रिकवरी भी नहीं हो पाई. फिलहाल प्रभास पर फिल्म इंडस्ट्री के 1800 करोड़ रुपए लगे हैं. अगले साल पहले उनकी फिल्म ‘आदिपुरुष’ 12 जनवरी को रिलीज होने जा रही है. 500 करोड़ में बनी इस फिल्म की सफलता प्रभास के करियर की दशा और दिशा तय करने वाली है.

राजामौली की ऐतिहासिक फिल्म ‘बाहुबली’ के लिए प्रभास ने अपना कीमती चार साल दिया. साल 2013 से लेकर 2017 तक वो समर्पित होकर इस फिल्म के लिए काम करते रहे. एक प्रोजेक्ट के लिए चार साल समय देना उनकी प्रतिबद्धता और समर्पण के स्तर को दर्शाता है. पहले ‘बाहुबली’ उसके बाद उसके सीक्वल की जबरदस्त सफलता ने प्रभास को हिंदुस्तान के हर घर में पहुंचा दिया. उसके बाद रिलीज दो फिल्मों की असफलता के बावजूद प्रभास अपनी आने वाली फिल्मों को लेकर बहुत सकारात्मक नजर आ रहे हैं. इसमें साल 2023 के आखिरी में रिलीज होने वाली ‘केजीएफ’ फेम डायरेक्टर प्रशांत नील की फिल्म ‘सालार’ की सफलता को लिए वो निश्चिंत नजर आ रहे हैं. लेकिन उनकी असली परीक्षा अगले साल के शुरूआत में ही रिलीज हो रही ओम राऊत के निर्देशन में बनी फिल्म ‘आदिपुरुष’ को लेकर होगी. सही मायने में ‘आदिपुरुष’ का प्रदर्शन प्रभास का लिटमस टेस्ट साबित होगा.

'बाहुबली' प्रभास पर 1800 करोड़ का दांव, क्या 'आदिपुरुष' पार लगा पाएगी करियर की नाव?

फिल्म ‘आदिपुरुष’ का बड़ा बजट देखते हुए निश्चित रूप से प्रभास भारी दबाव में होंगे. प्रभास ही क्यों हर फिल्म स्टार की फिल्मों के लिए मार्केट अच्छा, बुरा और बहुत बुरा साबित हो सकता है. प्रभास के केस में ही देखते हैं कि ‘बाहुबली’ बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर रही थी. इस फिल्म ने 650 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया था, जबकि इसके सीक्वल ने इतिहास कायम करते हुए 1800 करोड़ रुपए का बिजनेस किया. इसके बाद रिलीज हुई फिल्म ‘साहो’ जो कि 350 करोड़ रुपए के बजट में बनी, उसने प्रभास के स्टारडम की वजह से 450 करोड़ रुपए का बिजनेस किया था. हालांकि, ये फिल्म लोगों को बहुत पसंद नहीं आई थी. यही वजह है कि इसके बाद रिलीज हुई फिल्म ‘राधे श्याम’ बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हो गई. 350 करोड़ रुपए के बजट में बनी ये फिल्म 144 करोड़ रुपए ही कलेक्ट कर पाई. अब जब ‘राधे श्याम’ की रिलीज के बाद पहले ‘आदिपुरुष’ होने जा रही है, तो प्रभास का दबाव में होना स्वाभाविक है. यदि ये फिल्म फ्लॉप हुई तो सिनेमा इंडस्ट्री के 1800 करोड़ रुपए फंस जाएंगे. फिल्म मेकर्स का प्रभास से भरोसा उठ जाएगा.

हालांकि, इस बात के चांस बहुत कम है कि फिल्म ‘आदिपुरुष’ बॉक्स ऑफिस पर खराब प्रदर्शन करेगी. इस फिल्म के निर्देशक ओम राउत एक शानदार फिल्म निर्माता और बहुत ही सिनेमाई कहानीकार हैं. रामायण जैसी कहानी, जो हर भारतीय से जुड़ती है, निश्चित तौर पर लोगों को पसंद आने वाली है और भारतीय सिनेमा की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक साबित होने वाली है. ‘आदिपुरुष’ के अलावा प्रभास की आने वाली फिल्मों में ‘सालार’, ‘प्रोजेक्ट के’ और ‘स्पिरिट’ का नाम शामिल है. इसमें ‘सालार’ का बजट 200 करोड़ रुपए, ‘प्रोजेक्ट के’ का बजट 500 करोड़ रुपए और ‘स्पिरिट’ का बजट 100 करोड़ रुपए है. इसके साथ ही इन फिल्मों के प्रमोशन पर होने वाला खर्च अलग से है. इस तरह कुल 1800 करोड़ रुपए प्रभास के नाम पर फिल्म इंडस्ट्री के लग चुके हैं. इतनी रकम में बॉलीवुड की एक दर्जन से ज्यादा फिल्में हर साल बन जाती हैं. इसी से प्रभास का कद समझा जा सकता है.

फिल्म ‘आदिपुरुष’ रामायण का रूपांतरण है. इसमें श्रीराम की भव्यता और वैभव को दिखा जाएगा. फिल्म के निर्देशक ओम राउत कहते हैं कि युगों-युगों से रामायण का हमेशा एक मजबूत प्रभाव रहा है. इस फिल्म में राम के पराक्रम (वैभव और भव्यता) पक्ष का चित्रण किया गया है. इसलिए ओम राउत ने खुद प्रभास को बॉडी बनाने के लिए कहा, क्योंकि वह चाहते थे कि प्रभास भगवान राम के किरदार में उपयुक्त दिखे. उनका मानना है कि धनुर्धारियों का एक विशिष्ट शरीर होता है. उनकी कमर पतली और कंधे चौड़े होते हैं. ओम राउत की बात सुनने के बाद प्रभास ने श्रीराम के किरदार में खुद को ढ़ालने के लिए जितनी कड़ी मेहनत की जा सकती है, उतनी की है. इतना ही नहीं उन्होंने शुद्ध हिंदी बोलने के लिए अलग से ट्रेनिंग भी लिया है. वो तेलुगू भाषी हैं, ऐसे में हिंदी बोलना उनके लिए कठिन है, इसके बावजूद ‘राधे श्याम’ में उन्होंने सभी हिंदी डायलॉग खुद बोले हैं.

बताते चलें कि साल 2002 में तेलुगू फिल्म ‘ईश्वर’ से अपना फिल्मी करियर शुरू करने वाले प्रभास उस वक्त बॉक्स ऑफिस पर कोई खास कमाल नहीं कर पाए. लेकिन इसके दो साल बाद फिल्म ‘वर्षम’ ने उनको नई पहचान दे दी. फिर तो उनके करियर की गाड़ी दौड़ पड़ी. साल 2005 में रिलीज हुई ‘चक्रम’, साल 2007 में ‘योगी’, साल 2009 में ‘एक निरंजन’ और साल 2012 में ‘रेबेल’ जैसी कई हिट फिल्में दी हैं. पूरे देश में प्रभास इकलौती ऐसे एक्टर है, जिनके ऊपर फिल्म इंडस्ट्री का सबसे ज्यादा पैसा लगा हुआ है. फिल्म ‘राधे श्याम’ से लेकर ‘सालार’ तक, उन पर सैकड़ों करोड़ रुपए का दांव लगा है. ‘आदिपुरुष’ से बहुत ज्यादा उम्मीदें है. इसकी वजह ये है कि देश का मिजाज इस वक्त जैसा है, फिल्म वैसी ही बनी है. इतना ही ‘बाहुबली’ के बाद पहली बार प्रभास किसी पौराणिक ऐतिहासिक किरदार में नजर आने वाले हैं. इसे लेकर दर्शकों के बीच उत्सुकता अलग से बनी हुई है.

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