दो और कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदेगा अडानी ग्रुप, 31000 करोड़ में होगी डील?

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होल्सिम ग्रुप की कंपनी होल्डरिंड (Holderind) के पास अंबुजा सीमेंट में 63.19% और एसीसी में 54.53% हिस्सेदारी है. एसीसी सीमेंट में अपनी 54.53% हिस्सेदारी में से 50.05% हिस्सेदारी उसने अंबुजा सीमेंट के माध्यम से खरीदी थी. कंपनी ने इस साल मई में इन सीमेंट कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी को बेचने का ऐलान कर दिया था.

अडानी ग्रुप (Adani Group) स्विस-बेस्ड फर्म होल्सिम (Holcim) की दो भारतीय कंपनियों एसीसी (ACC) और अंबुजा सीमेंट्स (Ambuja Cements) में 26 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी में है. हिस्सेदारी हासिल करने के लिए अगले सप्ताह अडानी ग्रुप की ओर से खुली पेशकश की जा सकती है. सेबी की ओर से इसके लिए मंजूरी मिल चुकी है. खुली पेशकश 26 अगस्त से शुरू होगी और इसका समापन 9 सितंबर को होगा. अगर इस पेशकश को पूरी तरह से सब्सक्राइब किया जाता है, तो अडानी ग्रुप ओपन ऑफर के तहत 31,000 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी.

अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी दोनों ने स्टॉक एक्सचेंज पर ओपन ऑफर का पत्र दाखिल किया है. रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, एसीसी लिमिटेड के अधिग्रहण के लिए 2,300 रुपये प्रति शेयर की खुली पेशकश की गई है. ये एसीसी में 26 फीसदी हिस्सेदारी को रिप्रजेंट करता है. वहीं, अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड के 26 फीसदी शेयर खरीदने के लिए 385 रुपये प्रति शेयर का ओपन ऑफर आएगा.

आर्थिक व राजनीतिक मोर्चे पर कई बड़ी चुनौतियों से जूझ रहे पड़ोसी देश Sri Lanka के ऊर्जा मंत्री ने बताया कि अडानी ग्रीन एनर्जी को मन्नार में 286 मेगावॉट और पूनरिन में 234 मेगावॉट की दो पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए शुरुआती मंजूरी दे दी गई है. संकटग्रस्त श्रीलंका के ऊर्जा क्षेत्र में Adani Group के निवेश की यह पहली आधिकारिक पुष्टि है.

एशिया के सबसे अमीर इंसान और अडानी समूह (Adani Group) के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) लगातार अपने कारोबार का विस्तार कर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने सीमेंट सेक्टर में दमदार दस्तक देने के बाद मेटल सेक्टर में एंट्री का ऐलान किया है. देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी अडानी दांव लगाने से नहीं चूक रहे हैं. अब वह पड़ोसी देश श्रीलंका (Sri Lanka) में बड़ा निवेश करने जा रहे हैं.

दो पवन परियोजाओं में करेंगे निवेश
पीटीआई के मुताबिक, इतिहास का सबसे बड़ा आर्थिक संकट (Economic Crisis) झेल रहे श्रीलंका (Sri Lanka) की सरकार ने गौतम अडानी के नेतृत्व वाली अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) को 500 मिलियन डॉलर (50 करोड़ डॉलर) से अधिक के निवेश वाली दो पवन परियोजनाओं (Wind Projects) के लिए शुरुआती या अस्थायी मंजूरी दे दी है. श्रीलंका के ऊर्जा और बिजली मंत्री कंचना विजेसेकारा (Kanchana Wijesekara) ने बुधवार को सोशल मीडिया के माध्यम से यह जानकारी साझा की है.

अधिकारियों से चर्चा के बाद मंजूरी
विजेसेकारा ने ट्वीट (Tweet) के जरिए बताया कि अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं की प्रगति पर चर्चा करने के लिए बीते मंगलवार को सार्वजानिक क्षेत्र की सीलोन बिजली बोर्ड (CEB) और सतत विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ गहन चर्चा के बाद इस मंजूरी का निर्णय लिया गया. अडानी ग्रीन एनर्जी के निवेश के लिए मंजूर की गईं ये दो परियोजनाएं देश के उत्तरी प्रांत में मन्नार (Mannar) और पूनरिन (Pooneryn) में शुरू होंगी.

Adani के निवेश की आधिकारिक पुष्टि
श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री ने आगे बताया कि अडानी ग्रीन एनर्जी को मन्नार में 286 मेगावॉट और पूनरिन में 234 मेगावॉट की दो पवन परियोजनाओं के लिए शुरुआती मंजूरी दे दी गई है. संकटग्रस्त श्रीलंका के ऊर्जा क्षेत्र में अहमदाबाद स्थित भारतीय अक्षय ऊर्जा दिग्गज के दो बड़े निवेशों की यह पहली आधिकारिक पुष्टि है.

श्रीलंका में संभावनाओं की तलाश
सीईबी (CEB) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अडानी ग्रुप ने पिछले साल सितंबर में रणनीतिक कोलंबो पोर्ट के पश्चिमी कंटेनर टर्मिनल को विकसित करने और चलाने के लिए श्रीलंका के साथ एक समझौता किया था और श्रीलंका के ऊर्जा क्षेत्र में निवेश की संभावनाएं तलाश रहा था. हालिया मंजूरी के बाद अब अडानी ग्रुप की वो तलाश पूरी होती नजर आ रही है.

हाल ही में एक और बड़ी डील
हाल ही में अडानी ग्रुप ने एक और बड़ी डील की है. ये डील 835 करोड़ रुपये की है. इसके तहत अडानी लॉजिस्टिक्स (Adani Logistics) अब इनलैंड कंटेनर डिपोट (ICD) टम्ब (Tumb) का अधिग्रहण करने जा रही है. अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड की सब्सिडियरी कंपनी ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि उसने ICD Tumb के अधिग्रहण के लिए नवकार कॉर्प (Navkar Corporation) से ये करार किया है.

5 लाख टीईयू क्षमता वाला डिपो
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ICD Tumb सबसे बड़े इनलैंड कंटेनर डिपो में शामिल है. इसकी क्षमता 0.5 मिलियन या 5 लाख टीईयू (TEU) है. आईसीडी रणनीतिक रूप से हजीरा बंदरगाह और न्हावा शेवा बंदरगाह के बीच मौजूद है. कंपनी ने कहा कि भविष्य में क्षमता और कार्गो को बढ़ाने के लिए ये डील मददगार होगी.

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