Mukesh Ambani : मुकेश अम्बानी 3 साल से कर रहे बिना सैलरी काम

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मुकेश अंबानी:

भारतीय अरबपति बिज़नेसमेन मुकेश अंबानी, जो रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष, चेयरमैन और भारत के सबसे अमीर व्यवसायी हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज स्थापना धीरूभाई अंबानी ने की थी। 4 अगस्त, 2023 तक 16,98,000 करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ रिलायंस भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी है। पर क्या आपको पता है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में उनकी सैलरी कितनी थी?

मुकेश अंबानी तीन साल से नहीं ले रहे है सैलरी।

रिलायंस ने कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए मुकेश अंबानी ने सैलरी नहीं ली है। वे लगातार तीसरा वर्ष है सैलरी ना लेने का। उन्होंने ने COVID-19 महामारी के मद्देनजर 2020-21 में स्वेच्छा से सैलरी नहीं ली थी। तब से, उन्होंने 2021-22 में भी अपना वेतन छोड़ना जारी रखा और अब 2022-23 में भी। इन तीन वर्षों में, अंबानी ने अध्यक्ष और मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में अपनी भूमिका के लिए रिलायंस से किसी भी भत्ते, अनुलाभ, सेवानिवृत्ति लाभ, कमीशन या स्टॉक विकल्प का लाभ नहीं उठाया।

कंपनी के मुताबिक मुकेश अंबानी की सैलरी वित्तीय वर्ष अप्रेल 2008 – मार्च 2009 तक उनकी सैलरी १५ करोड़ रूपये तय की थी।

मुकेश अंबानी नेट वर्थ (Mukesh’s Ambani net worth)

मुकेश अंबानी - Mukesh's Ambani networth

मुकेश अंबानी कुल संपत्ति

फोर्ब्स के अनुसार, रिलायंस के चेयरमैन अंबानी की इस समय कुल संपत्ति 89 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जो 6 अगस्त, 2023 तक 7,35,880 करोड़ रुपये है। फोर्ब्स की सबसे अमीर भारतीय सूची के अनुसार, वह भारत के पहले सबसे अमीर अरबपति हैं।

अंबानी 1977 से रिलायंस के बोर्ड में हैं और जुलाई 2002 में अपने पिता और समूह संस्थापक धीरूभाई अंबानी की मृत्यु के बाद उन्हें कंपनी के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। अब, एक विशेष प्रस्ताव में, रिलायंस ने अंबानी को नियुक्त करने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मांगी है। अप्रैल 2029 तक कंपनी के प्रमुख के रूप में। इस अवधि के दौरान, उन्होंने सैलरी ना लेने का विकल्प चुना है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने हाल ही में अपनी सालाना रिपोर्ट जारी की है. सालाना रिपोर्ट में कंपनी बताती है कि उसने बीते साल क्या काम किया, माली हालत कैसी रही, वगैरह-वगैरह. रिलायंस ने इसी रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी के चेयरमैन और एमडी मुकेश अंंबानी ने लगातार तीसरे साल कोई सैलरी नहीं ली है.

अपन तो बिना सैलरी एक महीना नहीं निकाल पाते. फिर मुकेश अंबानी का घर कैसे चल रहा है. मान लिया कि उनके पास अच्छी खासी संपत्ति पहले से है, लेकिन नियमित सैलरी का न होना क्या उनका बजट नहीं बिगाड़ता? ये सवाल कई लोगों के दिमाग में है. और जवाब है विशेषज्ञों के पास. हम इन दो के बीच पुल बनने जा रहे हैं.

मुकेश अंबानी कोविड काल के बाद से जीरो सैलरी ले रहे हैं. दरअसल कोरोना काल में बाकी कंपनियों की तरह ही रिलायंस का कारोबार भी प्रभावित हुआ. तब मुकेश ने संकल्प लिया था कि जब तक कंपनी का कारोबार कोविड से पहले वाले स्तर पर नहीं आ जाता, तब तक वो सैलरी नहीं लेंगे. रिलायंस की सालाना रिपोर्ट बता रही है कि अंबानी अपने संकल्प पर लगातार तीसरे साल कायम रहे हैं.

तो फिर अंबानी का घर कैसे चल रहा है?

इस सवाल को लेकर हम केडिया फिनकॉर्प के फाउंडर नितिन केडिया के पास गए. उन्होंने बताया कि मुकेश अंबानी, समूह के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्ट के तौर पर 15 करोड़ रुपये की सैलरी लेते थे. मगर उनकी कमाई के और कई जरिये हैं. डिविडेंड से लेकर IPL टीम मुंबई इंडियंस से कमाई और उनका पर्सनल इनवेस्टमेंट भी. इनमें सबसे ज्यादा कमाई डिविडेंड से होती है. ये क्या बला होता है, आइए समझ लेते हैं.

कंपनी हर साल अपना फायदा शेयरधारकों के बीच भी बांटती है. इसे ही डिविडेंड कहते हैं. उदाहरण के तौर पर मान लेते हैं रिलायंस को 200 रुपये का फायदा हुआ. इसमें से 100 रुपये कंपनी बिजनेस की तरक्की के लिए रख लेगी. बाकी 100 रुपये शेयरधारकों में बांट दिए जाएंगे.

एक आम निवेशक की तरह ही मुकेश अंबानी के पास भी रिलायंस इंडस्ट्री के शेयर हैं. इसलिए उन्हें भी डिविडेंड का पैसा मिलता है. फर्क बस इतना है कि आम निवेशकों के मुकाबले मुकेश अंबानी के पास शेयरों की संख्या काफी अधिक है. इसलिए डिविडेंड से उनकी बढ़िया कमाई हो जाती है.

BSE माने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के आकड़ों के मुताबिक मुकेश अंबानी परिवार समेत पूरा प्रमोटर ग्रुप रिलायंस इंडस्ट्रीज में 50.39 पर्सेंट हिस्सेदारी रखता है. इस समय शेयर बाजार में रिलायंस इंडस्ट्रीज के कुल 6,76,57,88,990 यानी 6 अरब 76 करोड़ 57 लाख 990 शेयर मौजूद हैं. इस तरह 50.39 फीसदी के हिसाब से अंबानी परिवार समेत प्रमोटर्स के पास कुल 3,32,27,48,048 शेयर हुए यानी 3 अरब 32 करोड़ 27 लाख 48 हजार 48 शेयर.

केडिया ने दी लल्लनटॉप को बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) हर साल औसतन 6.30- 10 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देती रही है. इस हिसाब से प्रमोटर ग्रुप हर साल सिर्फ डिविडेंड से ही मोटा-मोटी 2 से 3 हज़ार करोड़ रुपये कमा लेता है.

 

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