कभी साधारण टीचर की नौकरी करती थी, आज बन चुकी है 22000 करोड़ रुपये की मालकिन

3 Min Read

ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म बायजू की को-फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ भारत की सबसे कम उम्र की दूसरी सबसे अमीर शख्सियत हैं. दिव्या बायजू कंपनी शुरू करने वाले बायजू रविंद्रन की पत्नी है दिव्या की उम्र महज 34 साल है, मगर उनकी कुल संपत्ति 22.3 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा है.

किस तरह हुई रविंद्रन से मुलाकात
शुरुआत में एक छात्र के रूप में ट्यूशन पढ़ने के लिए रविंद्रन के पास गई थे. मगर बाद में दोनों ने शादी कर ली और साथ में कंपनी को नई ऊंचाइयों पर ले गए. उनके 39 वर्षीय पति, बायजू रविंद्रन अपनी पत्नी के बाद फोर्ब्स की सूची में तीसरे सबसे कम उम्र के भारतीय अरबपति हैं. कभी गणित की ट्यूशन पढ़ाने वाले रविंद्रन ने साल 2011 में ऑनलाइन शिक्षा कंपनी की स्थापना करी थी.

कभी साधारण टीचर की नौकरी करती थी, आज बन चुकी है 22000 करोड़ रुपये की मालकिन

क्लास में जाती थी साड़ी पहनकर
दिव्या ने अपने करियर की शुरुआत 2008 में बतौर टीचर की थी. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि शुरू में जिन छात्रों को वह पढ़ाती थीं, वे उनसे कुछ ही साल छोटे होते थे. इस वजह से थोड़ा परिपक्व दिखने के लिए वह साड़ी पहनकर क्लास में पढ़ाने के लिए जाती थी.

जीआरई परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, उन्हें कई शीर्ष अमेरिकी विश्वविद्यालयों में भर्ती कराया गया मगर दिव्या ने देश में रहने और रविंद्रन के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया.

टीचिंग से हो गया था प्यार
इस निर्णेय के बारे में दिव्या गोकुलनाथ का कहना है कि इस दौरान उन्हें पढ़ाने से प्यार हो गया था और दिव्या ने माता-पिता की इकलौती संतान होने की वजह से भी विदेश जाने के बजाय उनके साथ बैंगलोर में रहना ही सही समझा.

रविंद्रन और दिव्या के दो बेटे हैं. दिव्या की अपने छात्रों और अध्यापन के प्रति प्रतिबद्धता को इसी बात से ही समझा जा सकता है कि वह अपने बड़े बेटे के जन्म के समय मातृत्व अवकाश पर थी. और जब दिव्या का बेटा सो जाता होता था तो फिर वह छात्रों के लिए वीडियो रिकॉर्ड करती होती थी.

कभी साधारण टीचर की नौकरी करती थी, आज बन चुकी है 22000 करोड़ रुपये की मालकिन

कंटेन्ट पर करती है पूरा फोकस
काम और गृहस्थ जीवन के बीच संतुलन के बारे में दिव्या का कहना हैं कि काम उनके लिए जीवन है. दिव्या का मानना ​​है कि जब आप किसी काम को पूरे जोश के साथ करते हैं तो फिर वही आपकी जिंदगी बन जाती है.

वह बायजू के कंटेंट पर सबसे ज्यादा फोकस करती होती हैं और दिव्या का मुख्य उद्देश्य रहता है कि राजस्थान के दूर कोने में बैठा छात्र भी इस विषय को बिना किसी दिकत के बिलकुल ही आसानी से समझ सके.

Share This Article