Pakhi Hegde Had Hidden Fact:पाखी हेगड़े ने छुपाई थी अपनी शादी की और 2 साल की होने की बात

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Pakhi Hegde:

कम लोगों को ही पता है कि अभिनेत्री Pakhi Hegde ने फिल्मों में जब अपने करियर की शुरुआत की तो वह पहले से ही शादीशुदा थीं और दो बेटियों की मां भी थीं।

यह बात पाखी ने काफी समय तक छुपाकर रखी और नए नाम और नई पहचान से एक्टिंग प्रोफेशन में कदम रखा। पाखी हेगड़े कहती हैं कि उनका बचपन बहुत ही अभाव में गुजरा, वह नहीं चाहती थी कि उनकी बेटियों का भविष्य आगे चलकर खराब हो।

उनकी जिंदगी में एक ऐसा मोड़ आया जब उन्हें लगने लगा अपनी बेटियों साथ अपनी जिंदगी खत्म लेंगी। लेकिन उन्होंने हिम्म्मत नहीं हारी, पाखी हेगड़े की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। आइए जानते हैं सफर पाखी हेगड़े का, उन्हीं की जुबानी…

19 साल में हो गई Pakhi Hegde की शादी

ग्रेजुएशन करने के बाद मैं अपने करियर के बारे में सोच ही रही थी कि 19 साल की उम्र में मेरी शादी हो गई। मेरा बचपन बहुत ही अभाव में ही गुजारा।

मेरी पढ़ने की बहुत ही चाहत रही। मेरा पापा मधुकर शेट्टी की मृत्यु तब हो गई थी, जब मैं चौथी कक्षा में थी। पापा के गुजरने के बाद मेरी मां सीता शेट्टी हमेशा मेरी शादी को लेकर चिंचित रहती थी।

जितनी जल्दी शादी हुई, उतने ही जल्दी बच्चे भी हो गए। एक समय पर मुझे लगा कि आगे चलकर मेरे बच्चों को समस्या हो सकती है।पति के शराब पीने की आदतों से पारिवारिक जिंदगी डिस्टर्ब होने लगी।

मैं भी बहुत ज्यादा डिस्टर्ब हो रही थी। फिर मैंने सोचा कि बच्चों के साथ अपनी जिंदगी अकेले गुजारनी चाहिए।

Pakhi Hegde की स्टूडेंट ने दिया एक्टिंग का सुझाव

वसई में पापा का एक छोटा सा होटल था।  तीन भाई और दो बहनों में सबसे छोटी मैं ही हूं। पापा की मृत्यु हुई तो एक भाई पांचवी और एक भाई छठवीं में था।
दोनों को पढाई छुड़ाकर होटल पर बैठा दिया गया ताकि घर खर्च चल सके। बचपन में जब पिता का साया सिर से उठ जाए तो काफी मुश्किलें आती हैं।
मां ने किसी तरह से हमारी परवरिश की। खैर, जब मैंने पति से अलग रहने का फैसला किया, तो सोच लिया था कि मुझे घर वापस नहीं जाना है। सोचा कि घर वापस जाऊंगी तो भाइयों की जिंदगी को डिस्टर्ब करूंगी।
घर वालों ने तो अपना फर्ज निभा ही दिया था। बेटी और बहन होने के नाते मुझे भी अपना फर्ज निभाना था। मैने सोचा जो कुछ भी करना है, अपने पैरो पर खड़े होकर करना है।
सवाल यह था कि क्या किया जाए। मैं बच्चों को पढ़ाती भी थी। मेरी एक स्टूडेंट एक्टिंग करती थी, उसी ने मुझे सुझाव दिया कि एक्टिंग करनी चाहिए।

जिंदगी खत्म करने का भी सोचा

मैं तो जिंदगी के ऐसे मोड़ पर खड़ी थी कि कुछ भी काम मिल जाए करना ही है। लेकिन एक्टिंग प्रोफेशन के बारे के बारे में जानती नहीं थी। मेरे लिए यह जद्दोजहद रही  कि एक महीने के अंदर अपने लिए कुछ कर लूं।

या तो मुझे कुछ आशा की किरण दिखाई दे, या फिर अपनी बेटियों साथ मैंने अपनी जिंदगी खत्म करने का फैसला कर लिया था। लेकिन मन में यह विश्वास जरूर था कि कुछ अच्छा होने वाला है।

क्योंकि दुख के बाद सुख तो आता ही है। जब दुख की पराकाष्ठा होती है तो समझ लो कि अब सुख आने वाला है।

Pakhi Hegde कि दोनों बेटियां अब मशहूर ब्लॉगर

मुझे अपने जीवन में जो कुछ भी करना था, अपनी बेटियों के लिए करना था। मुझसे किसी कहा कि अगर आप इंडस्ट्री में यह बताकर काम करोगी कि बच्चे हैं तो लोग उसका गलत फायदा उठाएंगे, जो कि किसी भी इंडस्ट्री में होता है।

जब मुझे लगा कि ऐसा हो सकता है तो नए नाम और नई पहचान से काम पर ध्यान देना शुरू किया। मैंने कभी इस बात का जिक्र नहीं किया कि परिवार में कौन है? बच्चों को बोर्डिंग में रखा।

बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। शनिवार को बच्चों से सिर्फ 10 मिनट लिए बात हो पाती थी। मां होने के नाते मुझे यह बहुत फील होता है कि उनको समय नहीं दे पा रही हूं।

लेकिन मैं जो भी कर रही थी, उनकी भलाई के लिए कर रही थी। ताकि उनको एक अच्छा भविष्य दे पाऊं। आज मुझे अपनी बेटियों पर बहुत नाज है। मेरी दोनों बेटियां आशना हेगड़े और खुशी हेगड़े अब मशहूर कॉन्टेंट ब्लॉगर हैं।

खेल के मैदान में मिला पहला ऑफर

मैं स्पोर्ट्स में काफी सक्रिय थी। सौ मीटर और चार सौ मीटर के दौड़ में भाग लेती रहती थी। ऐसी ही एक दौड़ के दौरान निर्माता-निर्देशक रुपेश गोहिल ने मुझे देखा और उन्होंने मुझे दूरदर्शन के सीरियल ‘मैं बनूंगी मिस इंडिया’ में काम करने का ऑफर दिया।
इस सीरियल के लीड एक्ट्रेस के लिए वह 100 लड़कियों का ऑडिशन कर चुके थे, लेकिन कोई लड़की फाइनल नहीं हो पाई थी। इस सीरियल की शूटिंग शुरू हो गई थी।
उन्होंने मुझसे कहा कि सलवार कमीज पहनकर कल सेट पर आना जाना। मैं सेट ओर गई उन्होंने मुझे आते हुए कैमरे से ही देखा और बोले कि मुझे मेरी मिस इंडिया मिल गई।

Pakhi Hegde’s पहली भोजपुरी फिल्म ‘बैरी पिया’

भोजपुरी फिल्म में मुझे पहला मौका निर्देशक ज्ञान सहाय की फिल्म ‘बैरी पिया’ में मिला। ज्ञान सहाय जी ने मेरा  सीरियल ‘मैं बनूंगी मिस इंडिया’ देखा था।

जब इस फिल्म का ऑफर आया तो मुझे भोजपुरी भाषा का बिल्कुल भी ज्ञान नहीं था। ज्ञान सहाय जी ने  कहा कि यह भाषा भले ही आपको नहीं आती है, लेकिन यह हिंदी के बहुत करीब की भाषा है।

इसलिए डायलॉग बोलने में दिक्कत नहीं होगी। आप का किरदार फिल्म ‘सरस्वतीचंद्र’ के नूतन जैसा है। उस किरदार को याद करेंगी तो समझ में आएगा कि यह किरदार कितना सरल और सीधा साधा है।

वह फिल्म करते-करते मेरा दिमाग खुल गया और एक्टिंग के प्रति एक जुनून भी पैदा हो गया। मैंने  एक्टिंग की कोई प्रोफेशनल ट्रेनिंग ली नहीं थी, जो कुछ भी सीखा वह सब एक्टिंग करते करते ही सीखा।

मनोज सिंह ने Pakhi Hegde को सिखाई भोजपुरी

Pakhi Hegde दिनेश लाल यादव निरहुआ के साथ  ‘निरहुआ रिक्शावाला’ कर रही थी। उसमे मनोज सिंह टाइगर भी हमारे साथ थे। उनको इंग्लिश का ज्ञान थोड़ा सा कम था और मुझे भोजपुरी का।

हमने तय किया किया कि मैं मनोज सिंह टाइगर को इंग्लिश सिखाउंगी और वह मुझे भोजपुरी सिखाएंगे। इसी के साथ यह भी तय हुआ कि जो गलत बोलेगा उसे 300 रुपये फाइन देना पड़ेगा।

मैं तो मनोज सिंह टाइगर से बहुत सारे पैसे इस दौरान इकट्ठा कर चुकी थी। ऐसा करते करते वह भी काफी माहिर हो गए और मैं भी काफी माहिर हो गई।

रवि किशन Pakhi Hegde’s गॉडफादर

रवि किशन जी के साथ मैंने ‘भूमि पुत्र’ और ‘लहरिया लूटा ऐ राजा जी’ जैसी फिल्में की। रवि जी मेरे करियर में सबसे पहले सीनियर कलाकर मिले।
शूटिंग के दौरान मैं रवि जी की परफारमेंस को देखती रहती थी कि कैसे वह काम करते हैं। उससे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला। मेरे लिए उस समय तो वह गॉड फादर ही थे।

स्कूली सिलेबस में शामिल हो सेल्फ डिफेंस : Pakhi Hegde

सेल्फ डिफेंस की बात बचपन से ही मेरे  दिमाग में रहा  है। कई बार ऐसा होता है कि डर से हम बातें नहीं बता पाते हैं।  हम कहते है कि अगर आपके साथ रेप हो गया है तो उसकी शिकायत करें।

लेकिन मैं सोचती हूं कि रेप की नौबत ही क्यों आने पाए। अगर हमारी शिक्षा प्रणाली में यह अनिवार्य कर दी जाए कि और सारी बेटियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाए तो बच्चियां उसी वक्त आत्मनिर्भर हो जाएगी।

एक मां होने के नाते मुझे पता है कि किसी बच्ची को छह साल तक हम जो भी सिखाते हैं, वह बड़ी आसानी से सीख जाते हैं। सरकार को भी इस दिशा में सोचना चाहिए कि सेल्फ डिफेंस सिस्टम को शिक्षा प्रणाली में अनिवार्य करें।

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