Shahrukh Khan 90’s ‘Deewana’ 2023’s ‘Jawan’: कुछ मिनटों के लिए परदे पर आये अपने केमियों से बदल दी इन फिल्मों की कहानी

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Shahrukh Khan Birthday:

Shahrukh Khan आज 2 नवंबर 2023 को 58 बसंत पूरे करने जा रहे हैं. उन्हें पसंद करने वाले भारत ही नहीं सात समंदर पार भी हैं.दिल्ली का लड़का कैसे बॉलीवुड का बदशाह बन गया, जानते हैं.

जवान‘ फिल्म की सफलता की खुमारी में डूबे शाहरुख खान के फैंस के लिए 2 नवंबर का दिन हमेशा ही खास रहा है. 58 साल के हो चुके शाहरुख खान के देश-दुनिया में करोड़ों  फैंस हैं.

साल 2023 के मोस्ट एंटरटेनिंग एंटरटेनर बनकर सामने आए शाहरुख खान की बॉक्स ऑफिस पर ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर बन चुकी ‘जवान'(Jawan) मूवी आज 2 नवंबर 2023 को ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स (Netflix) पर रिलीज हो रही है.

फैंस इसे Shahrukh Khan के बर्थडे का रिटर्न गिफ्ट मान रहे है. शाहरुख खान की जवान फिल्म को रिलीज हुए 55 दिन बीत चुके हैं, लेकिन ये फिल्म नित नए कीर्तमान रचने में अभी भी पीछे नहीं हैं.

Shahrukh Khan Struggle Story:

सिल्बर स्क्रीन पर Shahrukh Khan का ‘जवान’ के रूप में अभी भी जलवा बरकार है. आंकडों पर यकीन करें तो जवान (Jawan) साल 2023 की हाईएस्ट ग्रॉसिंग हिन्दी फिल्म (Highest grossing Hindi film) और फोर्थ हाईएस्ट ग्रॉसिंग इंडियन मूवी (fourth highest grossing Indian movie) बन गई है.

58 बसंत पार चुके शाहरुख खान के फिल्मी करियर पर नजर डालें तो वे वाकई में बॉलीवुड के किंग खान हैं. शाहरुख खान ने ये मुकाम अपनी मेहनत और काबलियत से हासिल किया है.

विशेष बात ये है कि उम्र के इस पड़ाव पर हिंदी सिनेमा में जहां भूमिकाएं सीमित हो जाती हैं, शाहरुख रूपहले पर्दे पर नायक की छवि को बदलते हुए दिखाई देते हैं और स्क्रीन पर एक ऐसे नायक के तौर पर उभरते हैं, जो सभी को हैरत में डाल देते हैं.

‘दिवाना’ फिल्म से लेकर ‘जवान’ तक शाहरुख खान ने पर्दे पर जो अदाकारी की छाप छोड़ी है. वो कोई ‘बाजीगर’ ही कर सकता है.

मिलेनियल जनरेशन (1981-1996) और जनरेशन जेड (1997-2012) पर शाहरुख खान की अदाकारी का तिलिस्म सिर चढ़कर बोल रहा है. हिंदी सिनेमा में ऐसा कोई एक्टर फिलहाल नजर नहीं आता है जो इन दोनों पीढ़ियों पर समान राज करता हो.

नब्बे के दशक में Shahrukh Khan की बॉलीवुड में एंट्री होती है. ये वो समय था जब देश में राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक पटल पर एक साथ कई चीजें घटित हो रही थी.

वैश्विक स्तर पर भी ये समय उथल-पुथल का था. देश में आर्थिक उदारीकरण की पटकथा लिखी जा रही थी. इन सब के बीच शाहरुख खान पर्दे पर रोमांस की नई परिभाषा गढ़ रहे थे. जो बाजारबाद के बीच लोगों को जीवन में प्रेम के महत्व को बता रहा था.

90 के दशक में शाहरुख खान ही थे जिन्होने हिंदी सिनेमा में चली आ रही सुपर स्टार की परिभाषा ही बदल कर रख दी थी. अब हिंदी सिनेमा के सुपर स्टार फिल्मों के साथ विज्ञापन जगत की भी महत्वपूर्ण सामग्री माने जाने लगे थे.

तकनीक, बाजार, रुचि, छवि और अभिनय का जो मिश्रण शाहरुख खान में दिखता है वैसा दूसरा शायद ही कहीं नजर आता है.

Shahrukh Khan की सफलता अद्भूत है. लेकिन इसके पीछे उनका जुनून, परिश्रम, संघर्ष और समर्पण को अनदेखा नहीं किया जा सकता है. शाहरुख खान का स्ट्रगल भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है.

अपने पिता से बेइंतहां प्यार करने वाले शाहरुख खान का बचपन अभिनय की सबसे बड़ी पाठशाला कहे जाने वाले नेशलन स्कूल ऑफ ड्रामा के आंगन में बीता. ये बात दीगर है कि वे यहां कभी पढ़े नहीं, लेकिन नाता गहरा रहा है.

शाहरुख के पिता मीर मोहम्मद ताज खान करियर की दृष्टि से असफल व्यक्ति थे. शाहरुख के पिता ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) के पास एक छोटा सा होटल खोला था.

उस दौर में एनएसडी के निदेशक इब्राहीम अलकाजी हुआ करते थे. राजबब्बर,नसीरुद्दीन शाह,अनुपम खेर यहां अभिनय की पढ़ाई कर रहे थे.

इन सभी से Shahrukh Khan मिला करते थे. लेकिन तब तक शायद ही किसी को मालूम हो कि पिता के होटल पर मिलने वाला ये लड़का एक बॉलीवुड का सबसे चमकदार सितारा बन जाएगा.

इस बात से शायद कम लोग ही वाकिफ होगे कि दिल्ली के राजेंद्र नगर में शाहरुख खान अपने पिता के साथ एक किराए के मकान में रहते थे. शाहरुख खान के पिता एक स्वतंत्रता सैनानी थे, जो खान अब्दुल गफ्फार खान के साथ अंग्रेजों से मोर्चा लेने वालों में सबसे आगे थे.

शाहरुख खान के दादा और नानी भी स्वतंत्रता सैनानी थे और आजाद हिंद फौज में थे. भारत-पाक के बंटवारे के बाद उनके पिता पाकिस्तान से भारत आ गए और दिल्ली के राजेंद्र नगर में अपना नया ठिकाना बनाया.

About Shahrukh Khan:

हमेशा सुर्खियों में रहने वाले Shahrukh Khan कई चीजों में दिखावे से बचते हैं. जैसे वे पर्सनल और प्रोफेशनल के बीच का अंतर बखूबी समझते भी हैं और फॉलो भी करते हैं, जो शायद एक सफल एक्टर के तौर पर बहुत मुश्किल होता है.

शाहरुख खान लोकप्रियता के शिखर पर होने के बाद भी पिता, पति, भाई, बेटे, दोस्त की जिम्मेदारियों को भी निभाने में कभी पीछे नहीं रहते हैं.

मशहूर कॉमेडियन कपिल शर्मा को अवसाद से निकालने में उन्होने बड़ी भूमिका निभाई. इसके लिए कपिल शर्मा किंग ख़ान का कई बार आभार भी व्यक्त कर चुके हैं.

उसूलों पे जहां आंच आये तो वे टकराने से भी पीछे नहीं हटते हैं. शाहरुख खान आज भी हर साल दिल्ली स्थित अपनी मां की मजार पर रात में आकर मां की कब्र को हाथों से साफ करते हैं और फातिहा पढ़ते हैं और घंटों बैठकर मां को याद करते हैं.

नई पीढ़ी शाहरुख खान की सफलता और संघर्षगाथा से बहुत कुछ सीख सकती है.वैसे शाहरुख खान का चार्म सिर्फ रोमांस तक सीमित नहीं है. उनकी एक्टिंग का जलवा ऐसा है कि किसी फिल्म की कहानी का रुख मोड़ सकता है.

फिल्म में लीड एक्टर भले ही कोई और हो, लेकिन अगर शाहरुख ने एंट्री ले ली है, तो एक सबक जरूर सिखा जाएंगे. शाहरुख का एक कैमियो फिल्म और ऑडियन्स पर अलग ही छाप छोड़कर जाता है.

सलमान खान की फिल्म टाइगर 3 में भी शाहरुख बतौर पठान कैमियो निभाने वाले हैं. तो आइये आपको बताते हैं ऐसे ही कुछ फिल्मों और कैमियो रोल्स के बारे में…

लाल सिंह चड्ढा (2022):

आमिर खान-करीना कपूर स्टारर ये फिल्म भले ही बॉक्स ऑफिस डिजास्टर साबित हुई हो, लेकिन Shahrukh Khan के कैमियो ने सबका दिल जीत लिया था.

‘शोले’ फिल्म के ‘मेहबूबा मेहबूबा’ गाने पर डांस करता बेबी लाल सिंह चड्ढा के स्टेप्स सीखकर कैसे जीरो से हीरो बन जाते हैं. साथ ही कैसे शाहरुख का सिग्नेचर स्टेप वजूद में आता है और उस बच्चे को प्रेरणा दे जाता है. ये सीन लोगों को बेहद पसंद आया था.

ब्रह्मास्त्र (2022) :

ये ऐसा धुआंधार कैमियो था जिसके बाद फैंस ने स्पिन-ऑफ की डिमांड कर दी थी. हालांकि फिल्म में कैमियो के नाम पर एक्टर का एक पूरा सेगमेंट ही शामिल था.

वानरअस्त्र यानी साइंटिस्ट मोहन भार्गव बने Shahrukh Khan सबको बेहद पसंद आए थे. फिल्म की कहानी का ट्विस्ट ही उनसे शुरू हुआ था. इसके बाद कहा जरूर गया था कि एक स्टोरी वानरअस्त्र की जरूर देखने को मिलेगी. लेकिन कब, ये फिलहाल कहना जल्दबाजी होगी.

ऐ दिल है मुश्किल (2016):

‘एक तरफा प्यार में बहुत ताकत होती है’, इस लाइन ने आशिकों के अंदर उम्मीद जगा दी थी. फिल्म में Shahrukh Khan ऐश्वर्या के एक्स-हसबैंड के रोल में दिखे. रणबीर को एक-तरफा प्यार की ताकत समझाते शाहरुख को जिसने भी देखा, खुद को रिलेट करने से रोक नहीं पाया.

लक बाय चांस (2009): 

फिल्म में फरहान अख्तर लीड रोल में थे. एक एस्पायरिंग एक्टर कैसे स्टारडम की चकाचौंध में खो जाता है. Shahrukh Khan फिल्म में इसकी एहमियत समझाते दिखे थे.

एक्टर ने समझाया कि स्कूल का दोस्त कितना मायने रखता है. किंग खान का वो क्लिप आज भी खूब शेयर किया जाता है.

ट्यूबलाइट (2017):

सलमान और Shahrukh Khan का पूराना नाता है. जितने चर्चे इनकी दोस्ती के होते हैं, उससे कहीं ज्यादा सीटी तब बजती है, जब दोनों साथ में पर्दे पर आते हैं.

इस फिल्म में शाहरुख ने जादूगर गोगा पाशा का रोल निभाया था. जो सलमान यानी लक्ष्मण को अपने जादू के जरिए ये विश्वास दिलाता है कि वो अपने खोए हुए भाई को ढूंढ सकता है.

रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट:

आर. माधवन की इस फिल्म की खास बात ये है कि Shahrukh Khan ने खुद आगे बढ़कर फिल्म में कैमियो रोल की रिक्वेस्ट की थी. फिल्म में शाहरुख साइंटिस्ट नंबी का इंटरव्यू लेते नजर आते हैं.

जो अपने स्कैंडल में घिरा हुआ है. उससे परेशान है. लेकिन शाहरुख उनकी अच्छी बातों और अचीवमेंट्स पर बात करते हैं, उन्हें रियलाइज कराते हैं कि वो आज भी उतना ही महत्व रखते हैं.

ये तो थे हाल के कुछ एग्जाम्पल्स. हालांकि इनके अलावा शाहरुख ने अक्षय कुमार की हे बेबी, विवेक ओबरॉय की साथिया, अमिताभ बच्चन की भूतनाथ, जैसी कई फिल्मों में कैमियो किया है. बड़ी बात ये कि 90 परसेंट फिल्मों के लिए उन्होंने कोई फीस नहीं ली है.

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