Sharda Sinha: गांव की बहुरिया के लिए आसान नहीं था गायिका बनना, सलमान की फिल्म में गाने के लिए मिले थे 76 रुपये

admin
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About Sharda Sinha :

बिहार कोकिला और लोकगायिका शारदा सिन्हा आज 1 अक्तूबर को अपना जन्मदिन मना रही हैं। हर बिहारी की जुबां पर इनके गाने झाए रहते हैं।

बिहार में चाहे शादी की बात हो या फिर महापर्व छठ की, इनके गीतो के बिना उत्सव पूरा नहीं होता है। इनकी सुरीली आवाज हर उत्सव में माहौल बना देती है।

हिंदी, भोजपुरी, मैथिली और बज्जिका भाषाओं में कई सदाबहार गीत गाने वालीं लोकगायिका शारदा सिन्हा को भारत सरकार ने पद्मश्री और पद्मभूषण से भी सम्मानित किया है। आज उनके जन्मदिन के मौके पर उनके जीवन से जुड़ी खास बातों के बारे में जानते हैं।

71 वर्षीय लोकगायिका शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 में बिहार के सुपौल जिले में हुआ था। उनके पिता सुखदेव ठाकुर शिक्षा विभाग में अधिकारी थे।

शारदा को बचपन से ही संगीत के प्रति काफी रुचि रही। संगीत के प्रति उनकी लगन देखकर पिता ने भारतीय नृत्य कला केंद्र में प्रवेश दिला दिया था।

संगीत सीखने के साथ उन्होंने स्नातक भी कर ली। इसके बाद राजनीतिशास्त्र के प्राध्यापक डा. बृजकिशोर सिन्हा के साथ उनकी शादी हो गई।

उन्होंने कई इंटरव्यू में बताया कि उनकी सासू मां उनकी गायिकी के खिलाफ थीं।

वह नहीं चाहती थीं कि उनकी बहु कहीं पर गाने जाएं। गांव की ठाकुरबाड़ी में भी वह उन्हें नहीं गाने देती थीं। हालांकि कुछ वक्त बाद उनकी सास मान गई थीं और वर्ष 1971 में उनके संगीतमय जीवन में बड़ा बदलाव आया।

Sharda Sinha In Bollywood :

शारदा सिन्हा ने हिंदी में काफी कम गाने गाए हैं। बॉलीवुड में उनके गाए सभी गानों को दर्शकों का खूब प्यार मिला है। हिंदी में गाए उनके सभी गाने सदाबहार हैं।

बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान और भाग्यश्री की चर्चित फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ में ‘कहे तोसे सजना तोहरी सजनिया’ आज भी दर्शकों का पसंदीदा गाना है। यह गाना आज के युवाओं को भी खूब पसंद आता है।

बताया जाता है कि शारदा सिन्हा को इस गाने के लिए महज 76 रुपये फीस मिली थी।

सलमान खान की दूसरी सुपरहिट फिल्म ‘हम आपके हैं कौन’ का ‘बाबुल जो तूने सिखाया’ गाना भी उन्होंने गाया था। यह गाना काफी लोकप्रिय है। आज भी दर्शकों को यग गाना बेहद पसंद आता है।

इसके अलावा 2012 में रिलीज हुई फिल्म ‘गैंग्स आफ वासेपुर’ में ‘तार बिजली से पतले हमारे पिया’ को भी उन्होंने अपनी खूबसूरत आवाज दी है। उनका यह गाना भी दर्शकों की जुबां पर चढ़ गया।

वेबसीरीज ‘महारानी’ में उनके ‘निरमोहिया’ गाने को खूब पसंद किया गया।

Sharda Sinha Bahuria Of Village :

शारदा सिन्हा का गांव की बहुरिया से लेकर ‘मैथिल कोकिला’ बनने का सफर आसान नहीं था.

एक बार उन्होंने बताया था कि कैसे जब उन्होंने शादी के गाना जारी रखा तो उनके ससुराल वालों ने विरोध किया लेकिन उनके पति और सास ने उनका सपोर्ट किया और वह गांव से निकल शहर फिर जिले और पूरे देश में शो करने लगीं.

शारदा सिन्‍हा के संगीतमय जीवन में बड़ा बदलाव 1971 में आया.

जब एचएमवी ने प्र‍तिभा खोज प्र‍तियोगिता आयो‍जित की. इस प्र‍तियोगिता में आडिशन देने के लिए वह अपने पति के साथ लखनऊ गईं हालांकि वहां भी बाधा खड़ी थी.

ट्रेन पहुंचने में देर तो हुई ही, आडिशन वाले जगह पर धक्‍का-मुक्‍की भी काफी थी. आडिशन के बाद भी एचएमवी के रिकार्डिंग मैनेजर जहीर अहमद ने सेलेक्‍ट नहीं किया.

चैत्र नवरात्रि के अवसर पर सुने Sharda Sinha के देवी गीत

अब बात करते हैं देवी गीतों की. तो आपको बता दें शारदा सिन्हा भक्ति गीतों के सारे विधि को गाया है.

उनका सबसे फेमस गाना ‘जगदम्बा घर में दियरा बार अइनी हे’ और ‘जय जय दुर्गा महारानी’ गाना तो हर दिन लोगों के घरों में बजता रहता है. इस गाने में बोल जितने प्यारे हैं उनकी प्यारी में शारदा सिन्हा का आवाज है.

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