सोसाइटी के मकानों में रहने के कुछ खास तौरतरीके होते हैं, जिन के बारे में ये बातें जरूर जान लें…

5 Min Read

मैट्रो कल्चर की देन अपार्टमैंट कल्चर ने लोगों के रहनसहन व उठनेबैठने का तरीका बदल दिया है. अब न तो वह घर रहा और न ही घर में मौजूद आंगन, छत व खुले में बैठने के लिए बड़ा लौन. शहरों में कम पड़ती जमीन के चलते शहरों में लोगों के अपने घर के सपने को पूरा करने के लिए बहुमंजिला इमारतों का निर्माण आज आम बात हो गई है. पर इन अपार्टमैंट्स में रहने पर आप को न सिर्फ अपने उठनेबैठने का ध्यान रखना होता है, बल्कि अपने साथसाथ अगलबगल, ऊपरनीचे रहने वालोंका भी ध्यान रखना होता है वरना आप को पिछड़ा होने का तमगा मिलते देर नहीं लगेगी. अपार्टमैंट्स में रहते हुए आप को निम्न बातों का ध्यान रखना होगा:
अपार्टमैंट्स में बने फ्लैटों में ज्यादा दूरी नहीं होती है. अत: इस बात को इग्नोर करते हुएपड़ोसियों के घर में ताकझांक न करें और न ही उन की डोरबैल बजने या किसी के आने पर अपने घर का दरवाजा खोलें.

अपार्टमैंट्स या सोसाइटी के घरों में कई बार समस्या मसलन, सीढि़यां, लौन, छत आदि की साफसफाई को ले कर हो जाती है. इसे ले कर कई बार पड़ोसियों में अनबन तक की नौबत आ जाती है. अत: इस संयुक्त भागेदारी में सहयोग करने में पीछे न रहें.

अपार्टमैंट्स में विभिन्न प्रांतों, जातियों व धर्मों के लोग रहते हैं. अत: इस मुद्दे को ले कर कभी किसी पर टीकाटिप्पणी न करें और न ही उन के धर्मसंस्कृति को ले कर उन्हें भावनात्मक ठेस पहुंचाएं.

फ्लैट्स आसपास होने के कारण आप के घर का शोर सामने के घर तक पहुंच सकता है, जिस से उन्हें परेशानी हो सकती है. इस से पहले कि सामने वाला आप से इस बात की शिकायत करे, आप स्वंय इस मामले में सावधानी बरतें. खासकर म्यूजिक सुनते समय या टीवी देखते समय.

सोसाइटी के मकानों में रहने के कुछ खास तौरतरीके होते हैं, जिन के बारे में ये बातें जरूर जान लें...

अगर आप को हर छोटीमोटी चीज मांगने की आदत है तो अपनी इस आदत पर लगाम लगाएं वरना आप के पड़ोसी को आप से कन्नी काटते देर नहीं लगेगी. इसी तरह यदि आप के पड़ोसी को आप से कुछ न कुछ मांगने की आदत है तो मन ही मन कुढ़ने के बजाय उसे बातों ही बातों में समझा दें.

अपने पड़ोसी को न जानने में बेशक आप इसे अपनी शान समझते हों, लेकिन इस बात को भी गांठ बांध लें कि मुसीबत में पहले आप के पड़ोसी आप के काम आएंगे. अत: उन से बना कर रखें.

फ्लैट्स में रहने वालों से अनजान बनने के बजाय, मुसकरा कर उन का हालचाल पूछाकरें. खासकर यदि आप के फ्लैटस में कोई लाचार या फिर बूढ़े लोग रहते हों तो उन की मदद करने में जरा भी न हिचकें.

माना कि आप के पास दूसरों के लिए वक्त नहीं है. फिर भी वक्त निकाल कर फ्लैट्स में होने वाले कार्यक्रमों से दूर रहने की जगह उन में हिस्सा लें. घर में होने वाले फंक्शन में पड़ोसियों की उपेक्षा न करें.

किसी भी गौसिप से बचने के लिए अच्छा है कि आप अपनी प्राइवेसी के साथसाथ पड़ोसियों की प्राइवेसी का भी खयाल रखें. फ्लैट्स में कभीकभी पानी, बिजली या और कोई समस्या होने पर उसे दूर करने में सहयोग करें.

हर सोसाइटी के अपनेअपने नियम होते हैं. अत: उन का सदैव पालन करें. अपने यहां आने वाले दोस्तों व रिश्तेदारों को भी इस बारे में अवगत करा दें. जैसेकि मेन गेट पर ऐंट्री करना आदि.

आप अपने शौक को पड़ोसी की परेशानी का कारण न बनने दें. मसलन, आप को पालतू जानवर पालने का शौक है, तो उसे अपनी निगरानी में रखें.

महानगरों में घरों में चोरी होना आम बात है. खासकर तब जब घर के सदस्य बाहर गए हों. यदि आप चाहते हैं कि आप के साथ ऐसा हादसा न हो तो आप अपने पड़ोसी के बाहर जाने पर उन के घर की सुरक्षा का खयाल रखें. फिर कहीं जाने पर वे भी आप के घर का खयाल रखेंगे.

फ्लैट्स में घर आमनेसामने व ऊपरनीचे होते हैं. अत: कपड़े आदि सुखाते समय ध्यान रखें कि कहीं पानी वगैरह नीचे तो नहीं टपक रहा है. इसी तरह गमले आदि रखते समय भी ध्यान रहे कि गमले की गंदगी से नीचे रहने वालों को परेशानी न हो.

Share This Article