इन 9 चीज़ों को भारतीय समझ कर आप अभी तक खा रहे थे, वो असल में भारतीय हैं ही नहीं

इन 9 चीज़ों को भारतीय समझ कर आप अभी तक खा रहे थे, वो असल में भारतीय हैं ही नहीं

भारतीय थाली इतनी विविधता से भरी है कि ये बताना मुश्किल है कौन सी चीज़ कहां से आई. कुछ चीज़ें हम ब्रिटिश साम्राज्य से लेकर खाने लगे, कुछ मुग़लों से सीखे और कुछ फ्रेंच-डच-तुर्क से. एक बात तो तय है कि हिंदुस्तानी खाने की जड़ें दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में है.

ये लिस्ट है उन भारतीय चीज़ों की, जिन्हें हम आज तक भारतीय समझ कर खा रहे थे, लेकिन वो असल में भारतीय हैं नहीं!

1. समोसा (Samosa)
जेब में पैसे कम हो और दोस्तों को ट्रीट देनी हो. ऐसी सिचुएशन में सबसे पहले जिस चीज़ का ख़्याल आता है, उसमें समोसा ज़रूर होता है. यह भारतीय लोगों से कुछ इस तरह से जुड़ गया कि लोग अब इसे भारतीय ही मानते हैं. जबकि समोसा कभी भारत का था ही नहीं. यह भारत में मध्य पूर्व के व्यापारियों द्वारा 13वीं और 14वीं शताब्दी के बीच प्रचलन में आया. ग़ज़ब की बात तो ये है कि सदियों लंबी अपनी यात्रा के बाद भी इसका स्वाद लोगों की ज़ुबां पर बना हुआ है. समय-समय पर इसके साथ कई तरह के प्रयोग होते रहते हैं.

हैदराबाद में प्रचलित मीट वाले समोसे और दक्षिण भारत के सब्ज़ी वाले समोसे इसके कुछ बड़े उदाहरण हैं.

2.राजमा (Rajma)
राजमा आज हमारी और आपकी रसोई का हिस्सा बन चुकी है. इसके लिए लोग कितने दीवाने हैं, यह देखना है, तो निकलिए दिल्ली की सड़कों पर. वहां लगे ठेलों पर आपको लोग इसका आनंद लेते दिख जाएंगे. अब आप कहेंगे कि लोग इसके दीवाने क्यों न हो. आखिर यह इंडियन जो है. मगर आप ग़लत हैं. क्योंकि यह मेक्सिको और ग्वाटेमाला से भारत पहुंची.आज भी यह मैक्सिकन Cuisine में प्रमुखता से यूज़ किया जाता है. इसे किडनी बीन्स के नाम से भी जाना जाता है. राजमा की सबसे ख़ास बात यह है कि यह बहुत हेल्थी है. यह पूरे शरीर का पोषण करने में सक्षम माना जाता है.

3. जलेबी (Jalebi), ईरान
जलेबी! नाम सुनकर ही मुंह में पानी आ जाए. फिर कहीं यह खाने की प्लेट में मिल जाए, तो क्या कहना. यदा-कदा जब भी आप इसे किसी हलवाई की दुकान में बनते देखते होंगे, तो सीना चौड़ा करके बोलते होंगे.
”यह इंडियन जलेबी है. यह विदेशी कैसे हो सकती है. किन्तु, ऐसा नहीं है. जलेबी वास्तव में मध्य पूर्व से आई है. मूल रूप से इसे ज़ालबिया (अरबी) या ज़ालिबिया (फ़ारसी) कहा जाता है. माना जाता है कि यह फ़ारसी आक्रमणकारियों द्वारा भारत तक पहुंची. आज, इसके विभिन्न रूप देश भर में पॉपुलर है. जहां नॉर्थ इंडिया में पतली जलेबियों का प्रचलन है. वहीं साऊथ इंडिया में लोग थोड़ी सी मोटी जलेबियों को लोग खाना पसंद करते हैं.