कभी 10वीं में पढ़ते हुए केबीसी में 1 करोड़ का विजेता रहा यह बच्चा आज आईपीएस अफसर है

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सभी कभी कुछ छोटे बच्चे बचपन में तो कमाल करते ही है, फिर बड़े होकर और ज्यादा बड़ा काम कर लेते है। ऐसे ही रवि मोहन सैनी का नाम आज एक मिसाल है। आज गुजरात के बड़े बड़े बदमाश भी इनका नाम सुनकर कांप जाते है। मुख्य रूप से राजस्थान के अलवर जिले के रहने वाले रवि मोहन सैनी (IPS Ravi Mohan Saini) एक आईपीएस अधिकारी है और गुजरात के पोरबंदर में पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यरत हैं।

रवि मोहन सैनी का परिचय यही पूरा नहीं हो जाता। IPS रवि मोहन सैनी पहले भी सफल हो चुके है। रवि मोहन सैनी के पिता नौसेना के रिटायर्ड अफसर हैं। पिता की पोस्टिंग की वजह से उनकी स्कूली पढ़ाई आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम स्थित नौसेना पब्लिक स्कूल से हुई है।

इस्सके पहले साल 2001 में रवि मोहन सैनी ने 1 करोड़ रुपए ‘कौन बनेगा करोड़पति जूनियर’ (KBC) में जीते थे, जो उस वक़्त केवल 14 साल के थे। बता दें कि उस वक्त रवि मोहन सैनी 10वीं क्लास में पढ़ रहे थे और अमिताभ बच्चन द्वारा पूछे गए सभी 15 सवालों के सही जवाब दिए थे। बता दें कि वर्ष 2001 से 2004 के बीच बच्चों को इस शो में आने का मौका दिया गया, जब चैनल ने कौन बनेगा करोड़पति जूनियर शूरू किया था।

कभी 10वीं में पढ़ते हुए केबीसी में 1 करोड़ का विजेता रहा यह बच्चा आज आईपीएस अफसर है

रवि मोहन एकेडमिक करियर में Topper रहे हैं। 12वीं के बाद रवि मोहन सैनी ने जयपुर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया और एमबीबीएस किया। MBBS के बाद इंटर्नशिप के वक़्त सिविल सर्विस की परीक्षा भी दी थी और इनका चयन सिविल सर्विस में हो गया।

रवि मोहन सैनी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके पिता नेवी में थे और उनसे प्रभावित होकर ही उन्होंने आईपीएस चुना। रवि मोहन सैनी साल 2012 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुए थे और प्री परीक्षा को पास करने में सफल रहे। फिर मेंस परीक्षा को पास नहीं कर पाए थे।

रवि एक अख़बार को बताते है कि साल 2013 फिर से वो UPSC में शामिल हुए और उन्हें भारतीय डाक और दूरसंचार विभाग में अकाउंट्स एंड फाइनेंस सर्विस के लिए चुना गया। इसके बाद साल 2014 में उन्होंने 3rd बार UPSC परीक्षा दी और ऑल इंडिया में 461वीं रैंक हासिल कर आईपीएस अफसर (IPS Officer) बने। कई जिलों में रहते हुए उन्होंने कई बड़े बदमाशों को जेल भेज दिया। अब बदमाश उनसे भय खाते हैं।

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