बेटी पिता की आत्मा होती है। एक पिता सचमुच अपनी बेटी को परी की तरह पाल रहा है और विराट कोहली अपनी बेटी वामिका को उसी तरह पाल रहे हैं। विराट दुनिया को वामिका के पैरों पर खड़ा करने की कोशिश करते हैं, लेकिन इतनी अच्छी परवरिश के बावजूद विराट को लगता है कि किसी ऐसी चीज की कमी है जिसे वह कभी नहीं भर पाएंगे।
![विराट कोहली करोड़पति होने के बावजूद अपनी बेटी वामिका को यह खुशी नहीं दे सकते, उन्होंने दुख के साथ कहा। विराट कोहली करोड़पति होने के बावजूद अपनी बेटी वामिका को यह खुशी नहीं दे सकते, उन्होंने दुख के साथ कहा।](https://live99times.com/wp-content/uploads/2021/07/vamikasix2.jpg)
दरअसल, 2006 में विराट कोहली के पिता का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था और एक इंटरव्यू में विराट ने भारी मन से कहा था कि उन्हें बहुत दुख हुआ कि वह अपनी बेटी वामिका को नहीं देख पाए। विराट को विश्वास था कि वह अपनी बेटी के जीवन में दादा की कमी की भरपाई कभी नहीं कर पाएंगे, जिससे उन्हें बहुत दुख होगा।
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विराट इससे दुखी होने के पात्र हैं। दरअसल, जिन्होंने अपने दादा-दादी के साथ समय बिताया है, वही जान सकते हैं कि उनके दादा-दादी का प्यार बच्चे के लिए कितना खास होता है। उनका पालन-पोषण और उनकी निस्वार्थ भावना के साथ-साथ बरगद के पेड़ की छतरी उतनी ही खास है जितनी कोई और रिश्ता नहीं।
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हमारे जीवन में दादा-दादी के अनुभव बहुत महत्वपूर्ण हैं। उनके पास जीवन का बहुत अनुभव है जो हर मोड़ पर काम आता है। इतना ही नहीं, हम अपने दादा-दादी से अपने परिवार का पूरा इतिहास भी जानते हैं।