बच्चों को हेल्दी, स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए योगासन

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हम सभी जानते हैं कि बच्चों (Yogasana For children) के लिए भी आज की लाइफ़स्टाइल काफ़ी तनावपूर्ण हो चुकी है, बढ़ते कॉम्पटिशन के बीच अनहेल्दी खान-पान और दिनचर्या बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को काफ़ी प्रभावित कर रही है. ऐसे में बेहतर होगा कि बच्चों को हम कुछ बेसिक हेल्दी चीज़ें सिखाएं, जिससे उनका शारीरिक विकास भी हो, वो हेल्दी और स्ट्रॉन्ग रहें और इसके साथ ही उनकी मेंटल हेल्थ भी ठीक रहे. यहां हम बच्चों के लिए बेस्ट योगासन बता रहे हैं जो उनकी बोंस, मसल्स को मज़बूती तो देंगे ही, साथ ही उनमें एकाग्रता, आत्मविश्‍वास बढ़ाकर उनको स्ट्रेसफ्री रखेंगे और अच्छी नींद लानेमें भी सहायक होंगे.

दोनों हथेलियों को सीने के पास रखें.

बच्चों को हेल्दी, स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए योगासन

– दोनों पैर एक-दूसरे को टच करते हुए बिल्कुल सीधे हों.

– अब दोनों हाथों की हथेली की सहायता से शरीर का आगे का भाग यानी

– सिर, कंधे व धड़ को ऊपर की ओर उठाएं जैसे सांप का पोज़ होता है. इसी वजह से इसको कोबरा या स्नेक पोज़ कहते हैं.

– कुछ देर बाद पूर्व स्थिति में आ जाएं.

– अपनी क्षमता के अनुसार करें.

त्रिकोणासन

बच्चों को हेल्दी, स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए योगासन

– सीधे खड़े होकर सांस अंदर लें.

– दोनों पैरों के बीच 2-3 फीट की दूरी बनाते हुए सांस छोड़ें.

– दोनों हाथों को ऊपर उठाकर बाईं ओर झुकें.
– दाएं हाथ से बाएं पैर को छूएं और बाईं हथेली की ओर देखें.

– थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें, फिर पहलेवाली स्थिति में आ जाएं.

– दूसरी ओर से भी यही दोहराएं.

वृक्षासन यानी ट्रीपोज़

बच्चों को हेल्दी, स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए योगासन

– सीधे खड़े हो जाएं.

– दोनों हाथों को बगल में रखें.

– दाएं पैर को घुटने से मोड़कर बाएं पैर की जांघ या घुटने के के पास रखें.

– गहरी सांस लेते रहें.

– अब अपने हाथों को अपने सिर के ऊपर लाएं और हथेलियों को एक साथमिलाकर नमस्कार की मुद्रा में लाएं.

– रीढ़ गर्दन सीधी रहे. ये बैलेन्सिंग पोज़ है जिससे पैर, रीढ़ मज़बूत होते हैं और संतुलन करना हम सीखते हैं.

धनुरासन

बच्चों को हेल्दी, स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए योगासन

– पेट के बल लेट जाएं.

– दोनों हाथों को सीधा रखें.

– दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर लंबी सांस लें और सीने को ऊपर की ओर उठाएं.

– दोनों हाथों से दोनों पैरों की एड़ियों को इस तरह पकड़ें कि धनुष का आकार बन जाए.

– सांस छोड़कर पहलेवाली स्थिति में आ जाएं.

सुखासन

– पालथी मारकर सीधे बैठ जाएं.

– हाथों को घुटनों के ऊपर रखें.

– आंखें बंद रखें. सांस सामान्य हो.

– रीढ़, गर्दन और सिर सीधे हों.

– मन से सारे विचार निकालकर मन को शांत रखें.

– अपनी क्षमता के अनुसार जितना देर तक बच्चे बैठ सकें बैठने दें.

बालासन

– घुटनों को मोड़कर घुटनों के बल एड़ी पर आराम से बैठ जाएं.

– टखने और एड़ियां आपस में टच करती हों और घुटनों को बाहर की तरफ जितना हो सके फैलाएं.

– सांस अंदर खींचकर आगे की ओर झुकें.

– जब पेट दोनों जांघों के बीच में आ जाए तब सांस छोड़ दें.

– दोनों हाथों को सामने की तरफ रखें.

– हथेलियों को ज़मीन से टच होने दें.

– सिर को भी ज़मीन से टच करते हुए टिका लें.

नटराजासन

-सीधे खड़े हो जाएं.

– सांस लेते हुए दाएं घुटने को मोड़कर पैर पीछे ले जाएं और दाएं हाथ से ही दाएं पैर के अंगूठे को पकड़ने की कोशिश करें.

– इसके बाद दाएं पैर को ऊपर उठाने का प्रयास करें.

– शरीर के ऊपरी हिस्से को हल्का-सा आगे की ओर झुकाएं.

– अब बाएं हाथ को आगे सामने की तरफ़ सीधा फैला लें.

– कुछ देर इस मुद्रा में बने रहें.

– बैलेंस बनाना मुश्किल होता है, इसलिए बच्चे अपने पेरेंट्स की मदद ले सकते हैं.

– धीरे-धीरे पूर्व अवस्था में आ जाएं. अब बाएं पैर से इसे दोहराएं.

ब्राह्मरी

– सुखासन में बैठ जाएं.

– आंखें बंद करके सांस लें और कानों में उंगली डालकर हम्मम की आवाज़ के साथ सांस छोड़ें.

– इसके अलावा बच्चों को अन्य प्राणायाम भी करने की आदत डालें.

– ओम का उच्चारण करने को कहें.

– गायत्री मंत्र पढ़ने की आदत डलवाएं.

ताड़ासन

– आराम से खड़े हो जाएं.

– दोनों पंजों के बीच ज़्यादा फासला न रखें.

– शरीर का वज़न दोनों पैरों पर समान हो.

– अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए अपने हाथों को साइड से ऊपर उठाएं. हथेलियां खुली हों.

– हाथों को सिर के ऊपर उठा ले जाएं.

– धीरे-धीरे हथेली को, कलाई को, हाथों को, कंधे, सीने व पैरों को भी ऊपर की तरफ़ खींचें और अंत में पैरों के पंजों पर आ जाएं.

– पूरा शरीर ऊपर की तरफ़ खिंचा हुआ महसूस हो.

– कुछ क्षण इस स्थिति में रहें.

– संतुलन बनाए रखना शुरुआत में मुश्किल होगा, लेकिन प्रयास करने से बेहतर तरीके से कर पाएंगे.

– अब धीरे-धीरे पैरों की एड़ियों को ज़मीन पर रखते हुए वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं.

– हनी शर्मा

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