अडानी ने इजरायली पोर्ट का बिड जीता, दूसरी कंपनी बोली अरे इतने पैसे लुटा दिए, ये तो पागलपन है

3 Min Read

तेलअवीव, 14 जुलाईः अडानी समूह ने हाइफा बंदरगाह पोर्ट की बिड जीत ली है। भारत का अडानी समूह और इजरायल का गैडोट मिलकर इजरायल के दूसरे सबसे बड़े बंदरगाह का संचालन करेंगे। अडानी और गैडोट ने मिलकर इसके लिए 4.1 बिलियन शेकेल की बोली लगायी। भारतीय रुपये में ये रकम लगभग 94 अरब है।

पोर्ट ऑफ हाइफा को भी इतनी भारी भरकम राशि मिलने की उम्मीद नहीं थी। इस बिड में प्रतिस्पर्धा करने वाले अन्य समूहों में से एक के वरिष्ठ सदस्य ने इतनी राशि खर्च करने को ‘पागलपन’ करार दिया। इन दोनों कंपनियों के मिलकर डीएओ, इजरायल शिपयार्ड और शाफिर इंजीनियरिंग को हराया।

इस समूह में अडानी की हिस्सेदारी 70 फीसदी और गैडोट की हिस्सेदारी 30 फीसदी की होगी। गैडोट हाइफा इजरायल में अनाज और रसायनों के आयात पर एकाधिकार रखता है। वहीं इसके 70 फीसदी हिस्सेदारी का मौका अडानी समूह को मिला है जिसके मालिक गौतम अडानी हैं जो कि दुनिया के 5वें सबसे धनी व्यक्ति हैं।

अडानी समूह के पास भारत में दस बंदरगाह हैं औऱ हाइफा में निविदा के लिए संपर्क करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। इजरायल के वित्त मंत्री एविग्डोर लिबरमैन ने कहा कि यह इजरायल के नागरिकों के लिए बेहद अच्छी खबर है। हाइफा के बंदरगाह के प्राइवेटाइजेशन से बंदरगाहों में प्रतिस्पर्धा बढेगी और इस तरह जीवनयापन की लागत कम होगी।

अडानी ने इजरायली पोर्ट का बिड जीता, दूसरी कंपनी बोली अरे इतने पैसे लुटा दिए, ये तो पागलपन है

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि पश्चिमी एशिया मेंअडानी ग्रुपकी कोई पकड़ नहीं है इसलिए इजराइल का हाइफा पोर्ट उनके लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसके लिए हाइफा को भूमध्य सागर में एक हब के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है।

बोली जीतने परअडानी ग्रुपके मुखिया गौतम अडानी ने ट्वीट किया है कि इजराइल में अपने साझेदार गैडोट के साथ हाइफा पोर्ट के निजीकरण के टेंडर को जीतने की काफी खुशी है। दोनों देशों (भारत और इजराइल) के लिए इसका सामरिक और ऐतिहासिक महत्व है। हाइफा में होने पर गर्व है, जहां 1918 में भारतीयों के नेतृत्व में सैन्य इतिहास के सबसे बड़ा घुड़सवार सेना का अभियान चलाया गया।

Share This Article