Death Anniversary Of Kishore Kumar: डेथ एनिवर्सरी पर जाने मशहूर गायक किशोर कुमार से जुड़े खास किस्से, कभी बेहद अच्छी हुआ करती थी उनकी आवाज

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Kishore Kumar Death Anniversary:

Kishore Kumar के बारे में एक बात बेहद कम लोगों को पता है. किशोर न सिर्फ एक लड़के की आवाज में शानदार सिंगर थे बल्कि वे लड़कियों की आवाज में गाने का भी हुनर रखते थे.

Kishore Kumar Death Anniversary:

किशोर कुमार भले ही आज इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन अपने चाहने वालों के दिलों में वे आज भी जिंदा हैं. उनके गाने आज भी लोगों की रोम-रोम में समाए हैं.

वे न सिर्फ एक बेहतरीन गायक थे बल्कि वे एक मंझे हुए एक्टर भी थे. जब वे गाते तो सुनने वाले का मन मोह लेते. 15 अक्टूबर तो उनकी डेथ एनिवर्सरी है और इस मौके पर उनसे जुड़े कुछ खास और बेहतरीन किस्से से आपको रुबरू कराते हैं.

किशोर कुमार की एक खासियत ऐसी थी जो बेहद कम लोगों को पता है. वह ये कि किशोर कुमार न सिर्फ एक लड़के की आवाज में शानदार सिंगर थे बल्कि वे लड़कियों की आवाज में गाने का भी हुनर रखते थे.

यानी किशोर कुमार अपने दौर के ऐसे गायक थे जो मेल और फीमेल दोनों की आवाज में गाना गाने की काबिलियत रखते थे जिसका नमूना वे लता मंगेशकर का गाना गाकर पेश कर चुके हैं.

इस फिल्म के लिए गाया था लड़की की आवाज में गाना

दरअसल किस्सा 1962 का है जब फिल्म ‘हाफ टिकट’ का गाना ‘आके सीधे लगी दिल पे जैसी’ गाने का मेल और फीमेल दोनों वर्जन गाना था. मेल वर्जन तो किशोर कुमार ही गाने वाले थे और फीमेल वर्जन के लिए लता मंगेशकर को अपनी आवाज देनी थी.

लेकिन जब इस गाने की रिकॉर्डिंग होनी थी तब लता मंगेशकर कहीं बाहर गई हुई थीं. ऐसे में इस गाने को किशोर कुमार ने लता मंगेशकर की जगह गाया था. फीमेल वर्जन में भी उन्होंने अपनी आवाज से लोगों का दिल जीत लिया था.

चोट लगने से सुरीली हो गई आवाज!

किशोर कुमार ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि वह काफी बेसुरा गाते थे. लेकिन एक घटना ने उनकी आवाज बदल दी. दरअसल बचपन में एक बार किशोर की मां सब्जी काट रही थीं और इस दौरान किशोर का हंसिए से पैर कट गया.

इस चोट का दर्द इतना था कि किशोर काफी रोए और रोने की वजह से उनके वोकल कार्ड्स पर काफी असर हुआ. इसका नतीजा यह हुआ कि किशोर की आवाज सुरीली हो गई और वो गाने लगे.

8 फिल्मफेयर अवॉर्ड्स जीतकर बनाया रिकॉर्ड

Kishore Kumar का जन्म 4 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के खांडवा में हुआ था. उन्होंने बॉलीवुड को कई बेहतरीन गाने दिए.

उन्होंने बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड्स जीते थे और इस कैटेगिरी में सबसे ज्यादा फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने का रिकॉर्ड भी बनाया था.  उन्होंने 13 अक्टूबर, 1987 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया.

किशोर दा में एक खासियत थी कि वो मेल और फीमेल दोनों वॉइस में गाना गा सकते थे।

उन्होंने लड़के की आवाज के साथ-साथ लड़कियों की आवाज में भी गाया है, जिसे खूब सराहा भी गया। साल 1962 का एक किस्सा काफी मशहूर है जब किशोर कुमार ने लता मंगेशकर की जगह फीमेल वर्जन में गाया था।

दरअसल, फिल्म ‘हाफ टिकट‘ के लिए फीमेल वर्जन में लता मंगेशकर को किशोर दा के साथ गाना ‘आके सीधे लगी दिल पे‘ जैसी के लिए गाना था। लेकिन वो बाहर गई हुई थी।

ऐसे में उन्होंने अपनी काबिलियत का नमूना पेश कर हर किसी को हैरान कर दिया था। Kishore Kumar दिग्गज सिंगर लता मंगेशकर को खूब मानते थे। ऐसा भी कहा जाता है कि किशोर दा प्रोड्यूसर से हमेशा रिकॉर्डिंग के लिए दिए गए पैसों में से एक रुपए कम करके लेते थे।

राजेश खन्ना और Kishore Kumar की दोस्ती

सुपरस्टार राजेश खन्ना और Kishore Kumar की अच्छी दोस्ती थी। 1976 में आई फिल्म ‘महबूबा’ में दोनों ने साथ में बेहतरीन काम किया था जिसे खूब सराहा भी गया।

कहा जाता है कि इस गाने को मुहम्मद रफी ने अपनी आवाज दी थी लेकिन राजेश खन्ना ने प्रोड्यूसर से ये गाना किशोर कुमार से गंवाने की गुजारिश की।

इतना ही नहीं इसके लिए उन्होंने तकरीबन एक महीने तक प्रोड्यूसर को मनाया था। इसका नतीजा ये हुआ कि गाना रिलीज होने के बाद ये सुपरहिट साबित हुआ।

ये भी कहा जाता है कि पहली दफा दोनों की मुलाकात एक फिल्म के सिलसिले में किशोर दा के घर पर हुई थी। किशोर दा ने उस फिल्म के लिए गाना गाने से पहले हीरो से मिलने की डिमांड रखी थी।

इसके बाद राजेश खन्ना के एक जवाब से खुश होकर उन्होंने फिल्म आराधना के गाना ‘मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू’ के लिए अपनी आवाज दी। फिर ये गाना बड़ा हिट हुआ और राजेश खन्ना स्टार के तौर पर उभर गए।

खंडवा की दूध-जलेबी थी पसंद

इसके अलावा किशोर कुमार को काफी साधारण चीजें खाने में पसंद आती थी। बॉलीवुड से होने के बावजूद वो चकाचौंध भरी दुनिया से दूर रहना पसंद करते थे।

उन्हें मध्यप्रदेश के खंडवा की दूध-जलेबी बहुत पसंद आती थी। उनका ऐसा भी कहना था कि फिल्मों से संयास लेने के बाद वो खंडवा में ही रहेंगे। ऐसे में उनके निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार खंडवा में ही किया गया था।

मधुबाला को खुश रखने के लिए किया ये काम

Kishore Kumar और फिल्म इंडस्ट्री की टैलेंटेड और खूबसूरत एक्ट्रेस मधुबाला के प्यार की चर्चाएं आज भी होती है। किशोर कुमार ने उनकी अंतिम सांस तक उनका साथ नहीं छोड़ा।

मधुबाला की बीमारी के बाद भी उन्होंने उनका हाथ थामा और उनके इलाज के लिए उनका साथ दिया। इस दौरान किशोर दा उन्हें खुश रखने की भी पूरी कोशिश किया करते थे।

कहा तो ये भी जाता है कि किशोर दा ने अपने प्यार के चलते ही इस्लामिक धर्म अपनाया और 1960 में सिविल विवाह कर लिया।

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