हर महीने पापा के भेजे 3200 रुपये में मुझे पापा की तस्वीर दिखती थी : शुभम

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अपने पूर्व छात्र व यूपीएससी टॉपर शुभम कुमार और 2019 बैच के आईएएस कुमार विवेक निशांत का स्वागत विद्या विहार आवासीय विद्यालय परोरा रविवार को हुआ।

इस दौरान दोनों ने स्कूल से जुड़ी कई यादें व अपनी सफलता की कहानी अपने जूनियर्स को सुनाई.2020 के यूपीएससी टॉपर शुभम कुमार ने कहा कि इस रिजल्ट ने पूरी लाइफ चेंज कर दी। मुझे अब भी विश्वास नहीं हो रहा है कि मैं यूपीएससी टॉप कर गया हूं।

हर महीने पापा के भेजे 3200 रुपये में मुझे पापा की तस्वीर दिखती थी : शुभम

आज के0 एन0 बासुदेवन सर जिंदा होतो तो बहुत प्राउड फिल करते। मैं यहां के शिक्षकों से बहुत कुछ सीखा। चार हाउस मास्टर और सोनाली मैम को धन्यवाद देता हूं। विद्या विहार शिक्षकों से बना है।

दिल्ली में तैयारी के दौरान वीवीआरएस की पढ़ाई का तरीका आया काम
शुभम ने आगे बताया कि जब दिल्ली में मैं तैयारी कर रहा था तो वहां भी मेरे रूममेट निशांत थे। तब हमलोगों ने नोटिस किया की सवालों के जवाब बेहतर तरीके से कैसे दे रहे हैं। तब हमें याद आया कि विद्या विहार में इन सभी चीजों की प्रैक्टिस कर चूके हैं.

प्वाइंट पढ़ाई करने का परिणाम आया है हमलोग यहां हैं। यहां के शिक्षकों का शैक्षणिक गतिविधि के साथ मोरल एजुकेशन पर बहुत फोकस रहा था। यहां पर संस्कार मिला.क्लास 6 से 10 तक संस्कर मिला वह आगे काम आया।

हर महीने पापा के भेजे 3200 रुपये में मुझे पापा की तस्वीर दिखती थी : शुभम

मेरी जर्नी का मैं खुद गवाह हूं, हमेशा खुद से कंपटीशन रखा
शुभम ने स्कूल के दिनों का याद करते हुए कहा कि क्लास 6th में मेरी रैंक 35-40 के बीच रहती थी। उस समय निशांत टॉपर हुए। कक्षा 7 ए में कुछ प्रॉब्लम हुई मैं पढ़ाई अच्छी तरीके से नहीं कर पाया। इसके बाद 8 बी मैं गया इसके बाद मैं 8 ए में गया.

एक दोस्त ने कहा शुभम काफी लक्की हो। 8 बी से 8 ए में आ गये, यह बात मुझे चुभ गई, इसके बाद मैंने छोटी-छोटी प्लानिंग करना शुरू कर दिया। इसके बाद 33 रैंक आया.इसके बाद मैंने सोचा की मुझे खुद से बेहतर करना है.अपने से कंप्टीशन रखना है, इसके बाद मेरी रैंकिग सुधरने लगी।

मेरी जर्नी का मैं खुद गवाह हूं
बचपन से मैं जिद्दी रहा। मैं एक बार ठान लिया तो फिर करता था, मैंने अपने पापा-मम्मी से सीखा है कि पहले आप अच्छे इंसान बनो, मुझे फैमिली सपोर्ट काफी मिला।

विद्या विहार की पढ़ाई दिल्ली से बेहतर : कुमार निशांत विवेक
विद्या विहार के पूर्व छात्र व 2019 बैच के आईएएस कुमार निशांत विवेक ने कहा कि कक्षा 6 से 10 वीं करने के बाद मैं 11-12 वीं के लिए दिल्ली गया.वहां पर पता चला कि विद्या विहार की पढ़ाई दिल्ली से कई बेहतर है. टीसीएस सर,रीता मैम ने बहुत कुछ अनोखे ढंग से सिखाया.

सोनाली मैम ने जैसी ज्योग्राफी पढ़ाई वैसा यूपीएससी के शिक्षक ने भी नहीं पढ़ा पाये.एमआईटी सर हिस्ट्री को कहानी की तरह पढ़ाते थे.इससे इंट्रेस्ट पहले से बना हुआ था.यह आगे काम आया.गोपाल सर ने इवनिंग एसेंबली में इतना कुछ सीखाया कि आगे काम आया.

बच्चों के सवालों का दिया जवाब
1]आपको किसने इंस्पायर्ड किया,आपको कब लगा यूपीएससी करना है
शुभम ने बताया कि मैरे पिता मेरे इंस्प्रेशन है। अपने पिता से हमेशा दूसरों की मदद करना सीखा। वहां से मुझे लोगों की मदद करने का इंस्प्रेशन मिला.जब मैं लोगों के लिए काम करूंगा, तो मुझे संतुष्टी होगी।

वहीं कुमार निशांत विवेक ने जवाब देते हुए कहा मेरे मम्मी और पापा दोनों सरकारी जॉब में थे। दोनों हमेशा कहते थे कि लोगों की मदद से ही संतुष्टी मिलती है। अगर मैं कॉरपोरेट में काम करता तो मैं पब्लिक डोमन से कट जाता.इसलिए पब्लिक डोमेन में आने के लिए यूपीएससी को चुना।

2]आवासीय विद्यालय और विद्यालय में क्या फर्क है?
शुभम ने जवाब देते हुए कहा कि आवासीय विद्यालय में सीखने को बहुत कुछ रहता है। ओवर ऑल डेवलपमेंट घर में सीमित होता है लेकिन आवासीय विद्यालय में सीखने को हल पल होता है।

कुमार निशांत विवेक ने कहा कि स्कूल में लीमिटेड समय होता है पर आवासीय विद्यालय में आप हर समय शिक्षकों के बीच होते हैं। यहां पर घर से दूर रहने की आदत बनती है। आप मैंटल स्ट्रांग बनते हैं।

3] आपने आईआईटी पहले फिर यूपीएससी को क्यों चुना ?
शुभम ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि आपके पास बेकअप प्लान होना चाहिए। ग्रेजुएट तो होना ही है अगर मैं आईआईटी मैं जाता हूं तो मेरे पास एक बेकअप प्लान रहेगा इसलिए आईआईटी के बाद यूपीएससी चुना।
आप अपने अनुभव से बहुत कुछ सीखते हैं। एक सीधी लाइन पर नहीं चलना चाहिए। आईआईटी के दौरान इंन्टर्नशिप में मुझे लगा कि यूपीएससी करना चाहिए।

सफल होने के बाद आपके जीवन में क्या बदलाव आया
शुभम ने बताया कि 2020 यूपीएससी की परीक्षा समाप्त होने के बाद मैं फिर से प्रीलिम्स की तैयारी में जुट गया था। पापा को कहा कि हो सकता है मुझे आईएएस नहीं मिले पर रिजल्ट आने के बाद मुझे यकीन नहीं हुआ कि मैं टॉप कर गया.
मुझे अब भी विश्वास नहीं हो रहा कि मैं टॉपर हूं सफल होने के बाद जीवन में काफी बदलाव आया है। आप रातों रात सिलिब्रिटी हो जाते हैं.कई बड़े-बड़े नेता जो आपको नहीं जानते हैं वह भी आपको कॉल करते हैं एक दिन में 500 कॉल व मैसेज आते हैं।

वहीं 2019 बैच के आईएएस कुमार निशांत विवेक ने कहा कि आपकी जिम्मेवारी और बढ़ जाती है। कई नई चुनौतियां आती है जिस पोस्ट पर आप जा रहे हो उस कई तरह की जिम्मेवारी आती है।

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