सवाल : बिना पैसा लगाए ऐसा कौन सा धंधा है जो भारत में काफी तेजी से बढ़ रहा है?

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दोस्तों ज़यादातर ऐसा देखा जाता है की यूपीएससी, सिविल सर्विसेज, आईपीएस, आईएएस, पीसीएस। ,एमपी पीएसी नेवी, पुलिस आरक्चक, क्लर्क, में सामान्य ज्ञान से जुड़े बहुत सरे दिमाग घुमा देने वाले सवाल पूछे जाते है जिसमे कैंडिडेट अक्सर अटक जाते है ऑर्डर अपने हाथ में आयी हुयी बहुत बेहतरीन नौकरी को अपने एक छोटे से गलती के वजह से गवा देते है

बचपन से देखते आ रहे सपने को एक झटके में तोडना परता है ये बहुत ही दुखद होता है परीक्षा में कुछ ऐसे सवाल आते है जिन्हे हम बचपन में पढ़कर आगे निकल जाते है लेकिन हमें ये नहीं पता होता की ये सवाल आगे भी कभी प्रतियोगी परीक्षा में आ सकते है

और हमें अपने इस ही छोटी गलती की सजा कॉम्पिटिशन के तैयारी में मिलता है यहाँ हम आपको कुछ ऐसे ही सवालो के जवाब बताने वाले है जो बार बार प्रतियोगी परीक्षा में पूछा जाता है तो शुरू करते है.

प्रश्न 1 : कौन सा ऐसा पदार्थ है, जिसमे प्रोटीन नही पाया जाता है?
उत्तर : जैसा की हम सभी जानते हैं कि जीतने भी भोज्य पदार्थ हैं, उन सबमें कोई न कोई पोषक तत्व जरूर पाए जाते हैं। और चावल एक ऐसा पदार्थ है, जिसमें प्रोटीन नहीं पाया जाता है। चावल में कार्बोहाइड्रेट्स पाया जाता है।

प्रश्न 2 : प्रसिद्ध उदारहरण सरकार जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा बनाई गई है। यह कथन किसका है?
उत्तर : प्रसिद्ध उदारहरण सरकार जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा बनाई गई है। यह कथन अमेरिका के सोलहवे राष्ट्रपति “अब्राहम लिंकन” द्वारा कही गई है। उन्होंने अमेरिका को उसके सबसे बड़े संकट गृहयुद्ध से पार लगाया है।

प्रश्न 3 : भारत के संविधान को बनाने के लिए गठित संविधान सभा के अध्यक्ष कौन थे?
उत्तर : जैसा की हम सभी जानते हैं कि भारत का संविधान डॉक्टर भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाया गया है। और हम आपको बता दे कि भारत के संविधान को बनाने के लिए गठित संविधान सभा के अध्यक्ष “डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद” थें।

प्रश्न 4 : दुनिया में ऐसा कौन सा देश है, जहां एक भी मंदिर नही है?
उत्तर : वैसे तो इस संसार में जगह जगह धार्मिक स्थल हैं। और ढेरों मस्जिद और मंदिर है। लेकिन “सऊदी अरब” दुनिया का एक ऐसा देश है, जहां एक भी मंदिर नही है।

प्रश्न 5 : बिना पैसा लगाए ऐसा कौन सा धंधा है जो भारत में काफी तेजी से बढ़ रहा है?
बहुत से लोग येर कहेंगे की धंधा धर्म है,तो कुछ कहेंगे राजनीति है लेकिन ये सब बिलकुल अलग चीज़ है आज के समय में “मोटिवेशनल स्पीकर” का धंधा काफी तेज़ी से बढ़ता हुआ दिखाए दे रहा है.

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