56 वर्षीय BJP सदस्य, Bhajanlal Sharma, जो पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं, उन्हें उस सीट पर उम्मीदवार बनाया गया है जो BJP की सुरक्षित सीटों में से एक हैं। इसके बावजूद, उन्हें वसुंधरा राजे के करीबी का टिकट नहीं मिला। नतीजे आने पर, यह शख्स चुनाव जीतकर विधायक बनता है, लेकिन इस कहानी का हास्यास्पद मोड़ सबको हैरान कर देता है। यह पहली बार है जब एक नए विधायक ने वसुंधरा राजे को पीछे छोड़कर सीधे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कब्जा किया है। इस चौंकाने वाले क्षण का हीरो है Bhajanlal Sharma, जो अब राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं। इस दृष्टिकोण से, इस कहानी के पीछे छिपे 4 कारणों को समझते हैं।
Bhajanlal Sharma का ब्राह्मण, राजपूत, और दलित से एक अनोखा संयोजन
राजस्थान में BJP ने राजनीतिक रूप से ब्राह्मण चेहरे भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाए, साथ ही विभिन्न वर्गों के नेताओं विष्णुदेव साय जिन्हें मिली छत्तीसगढ़ की कमान , मध्य प्रदेश में मोहन यादव को शामिल करके 2024 चुनावों के पहले समृद्धि की ओर संकेत किया है।
Bhajanlal Sharma संघ की पृष्ठभूमि संबंधित है
दूसरा कारण है Bhajanlal की संघ से जुड़ी पृष्ठभूमि। हाँ, Bhajanlal Sharma ने संघ के साथ बहुत लंबे समय तक काम किया है। मध्य प्रदेश में मोहन यादव और छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय भी संघ के करीबी रहे हैं। इस परिस्थिति में, राजस्थान में भी यही तात्कालिक रुझान दिखा गया। सीएम के चयन में संघ का होना एक महत्वपूर्ण कारक था जो फैक्टर के रूप में प्रभावी रहा।
Bhajanlal Sharma को दिल्ली में संगठन में लंबे समय तक काम का अनुभव रखने वाले विशेषज्ञ
तीसरा महत्वपूर्ण कारण है केंद्र के भरोसेमंद होना, भजनलाल शर्मा पहले बार के विधायक होने के बावजूद BJP के संगठन स्तर पर उनका बड़ा योगदान। राजस्थान में उन्होंने संगठन के वर्कहॉर्स के रूप में तीन बार महामंत्री बनकर संगठन में मजबूती और आपूर्तिक हाथ बनाए रखा है। उनका पार्टी से विचारिक जुड़ाव पुराना है और वे पैराशूट से आने वाले नेता नहीं हैं। छात्र जीवन में उन्होंने ABVP से जुड़ाव दिखाया है। भजनलाल को BJP ने 2024 के आम चुनावों के लिए राज्यों में अपने प्रमुख सिपाही में बैठाया है, जिससे वह अपने राजनीतिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान पर हैं।
Bhajanlal Sharma : वसुंधरा न तो खेमे में, न ही विरोधी
BJP ने राजस्थान में Bhajanlal Sharma को सीएम बनाया, ताकि पार्टी में कोई विवाद न हो।
BJP आम चुनावों से पहले किसी भी तरह के विवाद से बचना चाहती है। इसीलिए उसने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में पहले से ही कार्यरत सीएम को ही फिर से सीएम बनाया है।
Bhajanlal Sharma वसुंधरा राजे के करीबी नहीं हैं, लेकिन उनके विरोधी भी नहीं हैं। इसलिए, पार्टी ने उन्हें सीएम बनाकर वसुंधरा राजे को नाराज करने से बचाया है। साथ ही, यह राजस्थान में पार्टी के बीच संतुलन बनाए रखने में भी मदद करेगा।
यह एक अच्छा निर्णय है, क्योंकि इससे पार्टी में कोई विवाद नहीं होगा और पार्टी मजबूत बनी रहेगी।
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