Shehar Lakhot Web Series: भानुमति के कुनबे सरीखी नवदीप की वेबसीरीज, दो-दो चंदनों के बाद भी नहीं महेका ‘शहर लखोट’

admin
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Shehar Lakhot Web Series:

ओटीटी पर पूरे देश के गांव, देहात, कस्बों और शहरों की इतनी अपराध कथाएं बीते पांच साल में दिखाई जा चुकी हैं कि अब दर्शक किसी भी सीरीज का बस पहला एपिसोड देखकर बता सकते हैं कि सीरीज में आगे क्या होने वाला है?

मामला ओटीटी पर कहानियां मंजूर करने वालों को भी धीरे धीरे समझ आ रहा है। एक तरह से नई वेब सीरीज ‘Shehar Lakhot’ अमेजन प्राइम वीडियो की वो परखी है जिसके जरिये वह दर्शकों की इन दिनों की पसंद जानना चाहते हैं।

अपराध कथाओं से दूर भाग रहे दर्शकों के इसी नए चलन ने ही अब तक ‘मिर्जापुर’ का नया सीजन रोक रखा है। वेब सीरीज ‘शहर लखोट’ भी अमेजन प्राइम वीडियो की सीरीज ‘मिर्जापुर’ वाले फरमे की ही तरह है।

यहां भी वह सब है जो ‘मनोहर कहानियां’ पत्रिका को देश की नंबर वन पत्रिका किसी दौर में बना चुके हैं, लेकिन अपराध कथाओं के साथ सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि ये हर बार एक नया स्वाद मांगती हैं और ‘शहर लखोट’ में बस वही नहीं है।

Shehar Lakhot कहानी में ही मार खा गई सीरीज

कोई 16 साल पहले अपनी पहली ही फिल्म ‘मनोरमा सिक्स फिट अंडर’ से फिल्म जगत का ध्यान अपनी तरफ खींचने वाले निर्देशक नवदीप सिंह अपनी पिछली फिल्म ‘लाल कप्तान’ के बाद से हाशिये पर रहे हैं।
बीच में ‘पाताल लोक’ में उनका नाम स्क्रीन पर चमका था, लेकिन गाड़ी उनकी अब भी ‘एनएच 10’ पर ही अटकी है। वेब सीरीज ‘शहर लखोट’ नवदीप ने देविका भगत के साथ लिखी है और इसमें ऐसा कुछ नहीं है जो आप पहले देख नहीं चुके हैं।
इस अपराध कथा का आधार खनन है। संगमरमर की खदानों के आसपास कुछ आदिवासी धरना देकर बैठे हैं, उसके नेता को तोड़ने (जरूरत पड़े तो फोड़ने भी) गुरुग्राम से एक शातिर को भेजा जाता है।
उसका अपना अतीत शहर लखोट में कहीं दबा है। भाई से उसकी बनती नहीं है। पुश्तैनी विरासत की ऐंठ में हर बात आधी अंग्रेजी और आधी हिंदी में करने वाले एक ‘हुकुम’ भी कहानी में हैं।
अब लोग ‘हुकुम’ कहकर बुलाते हैं तो जाहिर है कि पुलिस को वह गरियाएंगे। दैहिक संबंधों की बगिया खिलाएंगे। और, वह सब करेंगे जिसकी झलक वेब सीरीज ‘आर्या’ में इला अरुण और उनका गिरोह पहले ही दिखा चुका है।

जरूरत से ज्यादा लंबी पटकथा

कहानी के नाम पर फीकी साबित हुई वेब सीरीज ‘Shehar Lakhot’ की दूसरी बड़ी दिक्कत इसकी पटकथा में है। आठ एपिसोड की ये सीरीज देखना अपने आप में चुनौती है।
सारे एपिसोड एक साथ प्राइम वीडियो ने रिलीज कर दिए हैं और हर एक एपिसोड औसतन 50 मिनट के आसपास का है।
इस सीरीज की पटकथा इतनी फैली हुई भी नहीं है कि हर एपिसोड में नए किरदार नमूदार होने के साथ इसका रायता फैलता जाए, लेकिन कहानी जमा जमाकर आगे बढ़ाने के चक्कर में नवदीप ने इसकी रफ्तार बहुत घटा दी है।
जब सारे किरदार पहले ही एपिसोड में अपने पत्ते खोल चुके हैं तो फिर उसके बाद तुरुप के पत्ते बचाने के लिए नवदीप पुरानी गुलाटियां मारते तो हैं, लेकिन एक बार चूक जाने के बाद भी लौटकर पुरानी डाली पर लौट नहीं पाते।
देविका भगत का साथ मिलने से उम्मीद यही थी कि सीरीज के महिला किरदारों का एक नया रुआब सीरीज में नजर आएगा।लेकिन, ‘दहाड़’ और ‘आर्या’ के बीच पेंडुलम सी डोलती इस कहानी में कभी ‘गन्स और गुलाब्स’ की महक आती है तो कभी सुनाई देती हैं ‘मिर्जापुर’ जैसी मुक्तहस्त गालियां।

प्रियांशु और चंदन ने बचाई इज्जत

अभिनय के मामले में प्रियांशु पैन्यूली और चंदन रॉय को छोड़कर दूसरा कोई कलाकार प्रभावित नहीं करता है। प्रियांशु का देव का किरदार परतदार है।
वह बीच बीच में अपने अतीत के सुर्रे छोड़ता रहता तो है लेकिन इसकी अतीत खुलने में कहानी इतनी सुस्त हो जाती है कि जब तक हादसे में मौत नहीं हो जाती है, कहानी में कहीं कोई चौंकाने वाला खुलासा होता नहीं है।
प्रियांशु का लगातार गांजा पीते रहना भी उनके किरदार को कमजोर ही करता है हालांकि अपनी भाव भंगिमाओं से वह मामला संभाल लेते हैं। चंदन रॉय को ‘पंचायत’ सीरीज के बाद अपना अलग हुनर दिखाने का ये बढ़िया मौका मिला और इसे उन्होंने दोनों हाथों से भुनाया भी है।
लेकिन, चंदन रॉय सान्याल के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता। एक तो उनकी कद काठी रजवाड़ों के नवयुवकों जैसी कतई नहीं है। दूसरे उनके किरदार को स्याह बनाने के चक्कर में उसके ऐब इतने ज्यादा हो जाते हैं कि लगता है अति हो गई।

तकनीकी रूप से बेहद औसत सीरीज

वेब सीरीज ‘Shehar Lakhot’ के महिला किरदार भी बिना गुर्दा वाले हैं। कुब्रा सैत की तो कास्टिंग ही गलत है। उनके किरदार के लिए जो रुआब चेहरे पर चाहिए था, वह नजर नहीं आता।

मनु ऋषि चड्ढा जरूर अपने किरदार में अलग अलग रंग लाने की कोशिश करते हैं लेकिन पहली बार परदे पर दिखने के बाद जो कुत्ता घसीटने का काम उन्होंने किया है, वह उनके किरदार को आगे दो टांगों पर खड़ा नहीं होने देता।

श्रुति मेनन का काम सीरीज की कहानी में वह सब परोसना है, जो इतनी बार वेब सीरीज के दर्शक चख चुके हैं कि अब इस स्वाद में मजा नहीं रहा। सीरीज तकनीकी रूप से भी कुछ खास नहीं है।

बैकग्राउंड म्यूजिक, सिनेमैटोग्राफी औसत है और संपादन लचर। अगर आपको अपने जीवन के आठ कीमती घंटे बचाने हैं तो इस सीरीज को देखने से पहले दो बार सोचें जरूर।

 

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About Shehar Lakhot:

क्राइम ड्रामा की चाहत? चिंता न करें, प्रियांशु पेनयुली-स्टारर ‘Shehar Lakhot‘ ने आपको कवर कर लिया है। श्रृंखला एक उड़ाऊ बेटे की कहानी है, जिसे अपने अतीत का सामना करने के लिए अपने गृहनगर – लाखोट के काल्पनिक शहर में लौटने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

सीरीज़ का मुख्य किरदार, देवेन्द्र सिंह तोमर, खुद को अनजाने में एक घातक गेम में फंसता हुआ पाता है और ट्रेलर में उसे जीवन-घातक स्थितियों का सामना करते हुए दिखाया गया है।

यह किरदार गहन है और यह उत्सुकता जगाता है कि उसके साथ क्या होने वाला है और कहानी कैसे सामने आएगी। सीरीज़ के प्रीमियर में केवल कुछ ही घंटे बचे हैं, अभिनेता प्रियांशु पेनयुली ने सीरीज़ में देव के चरित्र को चित्रित करने का अपना अनुभव साझा किया है।

“मैं कभी किसी किरदार के साथ इतने लंबे समय तक नहीं रहा। इस किरदार को 82- 100 दिनों तक शूट किया गया था। जितना अधिक मैं इसमें लगा, उतना ही बेहतर मैंने इसे समझ लिया, और मैं चार महीने तक इस विशेष होटल में रहा।

जैसे ही मैंने उस विशेष कमरे में अपनी यात्रा शुरू की और समाप्त की, वह कमरा देव का कमरा बन गया, ”मुख्य अभिनेता प्रियांशु पेनयुली ने कहा।

Shehar Lakhot में कुछ पागल लोग हैं जो एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, और एक देवेन्द्र सिंह तोमर हैं जिन्होंने अपने अतीत में कुछ बहुत गलत किया है।

ट्रेलर में, हम देखते हैं कि हर कोई लगातार उसकी बुराई कर रहा है। वह अब अपनी विश्वसनीयता बचाने के लिए लाखोट वापस आ गए हैं। इसलिए मुझे लगता है कि कुल मिलाकर यह अब तक सुनी गई सर्वश्रेष्ठ स्क्रिप्ट में से एक है।”

शहर लाखोट एक ऑफरोड फिल्म्स प्रोडक्शन है जिसमें नवदीप सिंह और खलील बचूअली कार्यकारी निर्माता के रूप में कार्यरत हैं, जिसका निर्देशन सिंह द्वारा किया गया है और सिंह और देविका भगत द्वारा लिखित और निर्मित है।

श्रृंखला में अत्यधिक प्रतिभाशाली कलाकार हैं, जिसमें प्रियांशु पेनयुली, चंदन रॉय सान्याल और कुब्रा सैत मुख्य भूमिका में हैं, जिसमें मनु ऋषि चड्ढा, श्रुति मेनन, कश्यप शंगारी, चंदन रॉय, मंजिरी पुपाला, श्रुति जॉली, ज्ञान जैसे कलाकारों का समूह शामिल है।

प्रकाश, और अभिलाष थपलियाल। यह श्रृंखला 30 नवंबर को भारत और दुनिया भर के 240 से अधिक देशों और क्षेत्रों में विशेष रूप से प्राइम वीडियो पर प्रीमियर के लिए तैयार है।

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